कोलकाता: लोकसभा चुनाव के परिणाम को देखते और बंगाल में भाजपा के बढ़ रहे जनाधार को देखते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी ने आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर अभी से ही तैयारियां शुरू कर दी हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंच बनाने और लोगों को खुद से जोड़ने के लिए एक नया कैंपेन शुरू किया है- 'दीदी के बोलो' यानी 'दीदी से बात करो या दीदी से कहो'। ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी के कैंपेन के तहत एक नंबर जारी किया गया है, जिसके तहत लोग अपनी शिकायतें दर्ज करा सकेंगे।
इतना ही नहीं, टीएमसी ने एक वेबसाइट भी लॉन्च किया है, जिसके जरिए आम लोगों तक पहुंच बनाने और उनकी शिकायतों के निपटारे का काम किया जाएगा। ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने सोमवार को पश्चिम बंगाल में 1.6 करोड़ परिवारों के कम से कम 80 फीसदी घरों तक पहुंच बनाने के उद्देश्य से 'दीदी के बोलो' कैंपेन लॉन्च किया है। बता दें कि लोकसभा चुनाव में टीएमसी के प्रदर्शऩ में गिरावट देखी गई है, यही वजह है कि टीएमसी विधानसभा चुनाव में भाजपा को कोई मौका नहीं देना चाहती।
दरअसल, सामान्य अर्थों में दीदी का मतलब भले बड़ी बहन होता है। मगर यहां टीएमसी के कैंपने में बंगाल में दीदी का इस्तेमाल मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए किया गया है। बता दें कि ममता बनर्जी टीएमसी की मुखिया भी हैं।
ममता ने कहा कि उनकी पार्टी के नेता और कार्यकर्ता पूरे राज्य में लोगों के बीच जाएंगे और उनकी शिकायतें सुनेंगे। ममता ने तृणमूल कांग्रेस के विधायकों और वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ बैठक के बाद पत्रकारों से कहा, "लोग हेल्पलाइन नंबर और वेबसाइट के जरिये सीधे हमसे जुड़कर अपने मुद्दों पर बात कर सकते हैं। हम उनका समाधान करने का प्रयास करेंगे।"
उन्होंने कहा, "अगले सौ दिनों में पार्टी के एक हजार से अधिक नेता और कार्यकर्ता राज्य के 10 हजार गांवों में जाएंगे और स्थानीय लोगों के साथ समय बिताकर उनकी शिकायतों का निपटारा करने का प्रयास करेंगे।" ममता बनर्जी ने चुनावी रणनीतिकार और जनता दल (यू) के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर के साथ जून में लोकसभा चुनाव परिणामों के बाद हाथ मिलाया था।
भाजपा ने राज्यों की 42 लोकसभा सीटों में से 18 पर जीत दर्ज की थी, वहीं टीएमसी ने 22 सीटें जीती थीं। सूत्रों के मुताबिक, प्रशांत किशोर का इंडियन पोलिटिकल एक्शन कमेटी (आईपैक) ने ही 2021 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कैंपेन को डिजाइन किया है। प्रशांत किशोर की टीम कोलकाता में बैठ चुकी है और आईपैक में भर्ती की प्रक्रिया भी चल रही है।