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कोलकाता: सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों से 'कट मनी’ (कमीशन) लिए जाने को लेकर पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं। इसी बीच, बीरभूम जिले के एक स्थानीय टीएमसी नेता ने सरकारी योजनाओं के 100 से ज्यादा लाभार्थियों को करीब 2.25 लाख रुपये वापस लौटा दिए हैं। साथ में नेता ने माफी मांगते हुए आगे से ऐसा न करने का वादा भी किया। मुख्यमंत्री कार्यालय के सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि पश्चिम बंगाल में कल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों से ‘कट मनी’ स्वीकार करने वाले निर्वाचित जन प्रतिनिधियों और सरकारी अधिकारियों को अब एक कड़े कानून के तहत आरोपी बनाया जाएगा जिसमें दोषी ठहराये जाने पर आजीवन कारावास का प्रावधान है।

इस मामले पर राज्य विधानसभा में लगातार दूसरे दिन भी हंगामा हुआ। विपक्ष ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा बयान दिये जाने और मामले की जांच के लिए एक आयोग गठित करने की मांग की। मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि ‘दोषी जनप्रतिनिधियों और सरकारी अधिकारियों को भारतीय दंड संहिता की धारा 409 के तहत आरोपी बनाया जाएगा जो कि लोकसेवक, बैंकर, एजेंट द्वारा आपराधिक विश्वास हनन से संबंधित है।

अधिकारियों ने आगे बताया कि इस कानून के तहत दोषी ठहराया जाने वाले व्यक्ति को आजीवन कारावास की सजा या जुर्माने के अलावा 10 वर्ष तक के कारावास की सजा हो सकती है। यह निर्णय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लिया है। यह निर्णय राज्य के विभिन्न हिस्सों में व्यापक हंगामे के बाद लिया गया है जिसमें सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कई नेताओं को भीड़ ने घेर लिया और उनसे वह ‘कट मनी’ वापस करने की मांग की।

बनर्जी ने 18 जून को तृणमूल पार्षदों की एक बैठक को संबोधित करते हुए उन्हें आदेश दिया था कि वे लाभार्थियों से लिया गया ‘कट मनी’ का कमीशन वापस करें। उन्होंने तब कहा था, ‘मैं अपनी पार्टी में चोरों को नहीं रखना चाहती। यदि मैं कार्रवाई करूंगी तो वे किसी और पार्टी में शामिल हो जाएंगे। कुछ नेता गरीबों को आवास अनुदान मुहैया कराने के लिए 25 प्रतिशत कमीशन मांग रहे हैं। यह तत्काल रुकना चाहिए। यदि आपने लिया है तो पैसा तत्काल लौटा दीजिए।’

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