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कोलकाता: पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा खत्म करने के तरीकों पर चर्चा के लिए राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी की ओर से गुरुवार को बुलायी गई सर्वदलीय बैठक में सभी दलों के बीच राज्य में शांति और सौहार्द कायम करने से जुड़े ''कुछ बिन्दुओं पर सहमति बनी। हालांकि राजनीतिक दलों की ओर से कोई संयुक्त घोषणापत्र नहीं आया। खास तौर से आम चुनावों के बाद एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे भाजपा और तृणमूल कांग्रेस ने भी कुछ नहीं कहा।

राजभवन की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, ''पश्चिम बंगाल में शांति और सौहार्द कैसे कायम किया जाए इस संबंध में राजनीतिक दलों के नेताओं ने खुलकर और विस्तार से अपनी बात रखी। राज्यपाल को लगता है कि सभी राजनीतिक दलों को राज्य और उसके लोगों के कल्याण के लिए सृजनात्मक कदम उठाने चाहिए। उन्होंने लोगों से साथ मिलकर शांति और सौहार्द कायम करने को कहा।" बयान के मुताबिक, सभी पक्षों में छह बिन्दुओं पर सहमति बनी। इनमें शांति, लोकतांत्रिक मूल्यों और सौहार्द कायम करने पर जोर दिया गया।

 

बयान में कहा गया है कि लोकतांत्रिक संस्थाओं, मूल्यों और अधिकारों की रक्षा की जानी चाहिए और कानून-व्यवस्था को पूरी पारदर्शिता के साथ लागू किया जाना चाहिए। हिंसा रूकनी चाहिए क्योंकि हिंसा के कारण सिर्फ और सिर्फ राज्य की हार होती है।

बैठक के बाद भाजपा के राज्य उपाध्यक्ष जय प्रकाश मजुमदार ने कहा कि राज्यपाल ने कुछ सलाह दीं, लेकिन तृणमूल कांग्रेस के प्रतिनिधि ने कहा कि उन्हें इस संबंध में पार्टी से मशविरा करने की जरूरत है। बैठक में तृणमूल कांग्रेस की ओर से पार्टी महासचिव और राज्य मंत्री पार्थ चटर्जी ने हिस्सा लिया। माकपा नेता मोहम्मद सलीम ने आरोप लगाया कि भाजपा और तृणमूल कांग्रेस दोनों ही राज्य में माहौल खराब करना चाहती हैं। चटर्जी ने संवाददाताओं से कोई बातचीत नहीं की।

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