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नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी की सरकार ने राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति 'नियंत्रण' में होने' की बात को दोहराते हुए केंद्र सरकार से कहा है कि राज्य में मतदान के बाद हुई छिट-पुट झड़पों के खिलाफ दृढ़ और उचित कार्रवाई की गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा रविवार को जारी दिशानिर्देश के जवाब में राज्य के मुख्य सचिव मलय कुमार डे द्वारा हस्ताक्षरित पत्र में दावा किया गया कि झड़पों को 'कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा अंजाम दिया गया।' तृणमूल कांग्रेस ने गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर कहा है कि पश्चिम बंगाल को केंद्रीय गृह मंत्रालय का परामर्श राजनीति से प्रेरित, सत्ता हथियाने के लिए भाजपा की गहरी साजिश है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने रविवार को जारी दिशा निर्देश में राज्य में जारी हिंसा पर 'गहरी चिंता' व्यक्त करते हुए, राज्य सरकार को कानून और व्यवस्था व सार्वजनिक शांति बनाए रखने का निर्देश दिया था। केंद्र द्वारा उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखली में राजनीतिक झड़पों के मद्देनजर यह निर्देश जारी किया गया, जिनमें शनिवार के बाद से चार लोगों की जान चली गई थी।

पत्र में लिखा था कि नाजत पुलिस स्टेशन के अंतर्गत आने वाले इस मामले के संबंध में शिकायत दर्ज करने के साथ ही जांच शुरू कर दी गई है। पत्र के अनुसार, '24 परगना के नाजत पुलिस स्टेशन के तहत आने वाले इस मामले को तत्काल दर्ज करने के साथ ही जांच शुरू कर दी गई है। वहीं क्षेत्र व आस-पड़ोस में शांति बनाए रखने के लिए पुलिस दल की टुकड़ियां तैनात की गई हैं।'

राज्य सरकार ने दिशा निर्देश में लगाए गए इस आरोप को भी सिरे से खारिज कर दिया कि 'राज्य का कानून प्रवर्तन तंत्र कानून व्यवस्था बनाए रखने और लोगों के बीच भरोसा कायम रखने में असफल रहा है।' डे ने कहा, 'सरकारी अधिकारियों द्वारा कार्यों के निर्वहन में कोई चूक नहीं की गई है और घटनाक्रमों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।'

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