कोलकाता: पश्चिम बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष सोमेन मित्र ने राज्य में भाजपा और आरएसएस के उत्थान के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि अगर उन्होंने ''पूरी तरह अल्पसंख्यक तुष्टिकरण की नीति नहीं अपनाई होती तो भगवा दल को यहां बढ़त हासिल नहीं होती।" मित्र ने कहा कि विपक्षी दलों के नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल करने वाली बनर्जी अपना अस्तित्व बचाने के लिए जूझ रही हैं। उनका इशारा तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के भाजपा में शामिल होने की तरफ था।
मित्रा ने यहां संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि ममता ने आम चुनावों में विपक्षी एकता को ''कमजोर" किया जिससे भाजपा को फायदा मिला। बंगाल में भाजपा को 42 में से 18 सीटों पर जीत मिली, जबकि तृणमूल कांग्रेस को 22 सीटें हासिल हुईं। कांग्रेस को केवल दो सीट मिली, जबकि 2014 में पार्टी ने चार सीटों पर जीत दर्ज की थी। बंगाल में 34 वर्षों तक राज करने वाली माकपा एक भी सीट पर जीत दर्ज नहीं कर पाई। भारी जीत से खुश भाजपा नेताओं का कहना है कि 2021 के विधानसभा चुनावों में वे राज्य में तृणमूल कांग्रेस को उखाड़ फेंकेंगे।
मित्र ने संवाददाताओं से कहा, ''बंगाल में भाजपा और आरएसएस की जीत के लिए केवल ममता बनर्जी जिम्मेदार हैं। अगर उन्होंने केवल अल्पसंख्यक तुष्टिकरण की नीति नहीं अपनाई होती तो भाजपा पैर नहीं जमा पाती।" उन्होंने कहा, ''सभी विपक्षियों को हटाने, विपक्षी नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल कराने की उनकी नीति के कारण भाजपा का उदय हुआ। अब उन्हें इस बारे में शिकायत करने का अधिकार नहीं है।"