पटना: बिहार में सत्तारूढ़ 'महागठबंधन' या महागठबंधन के छोटे घटक दलों ने गठबंधन की दो सबसे बड़ी पार्टियों जेडी(यू) और आरजेडी के बीच कथित दरार के बीच एक समन्वय समिति के जल्द से जल्द गठन की मांग की है। महागठबंधन सरकार में शामिल सीपीआईएमएल(एल) ने बुधवार को कहा कि जेडीयू और आरजेडी में जारी मतभेद के बीच सरकार को सही और शांत तरीके से चलाने के लिए जल्द से जल्द कोर्डिनेशन कमेटी बनाना जरूरी है। हाल ही में आरजेडी कोटे से मंत्री बने सुधाकर सिंह ने इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद सीपीआईएमएल(एल) ने अपनी मांग दोहराई है।
दो महीने पहले ही बिहार में नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ गठबंधन तोड़ते हुए आरजेडी के साथ मिलकर नई सरकार बनाई थी। आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के एक बयान के बाद दोनों पार्टियों के बीच तनाव देखा गया था। जगदानंद सिंह ने कहा था कि अगले साल तक डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव अपने बॉस नीतीश कुमार को रिप्लेस कर देंगे। इसके बाद उनके बेटे सुधाकर सिंह को कृषि मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
हालांकि, तेजस्वी यादव ने जगदानंद सिंह के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि उन्हें उच्च पद स्वीकार करने की कोई जल्दी नहीं है।
सीपीआई (माले) के विधायक महबूब आलम ने मीडिया को बताया कि आरजेडी कोटे के मंत्री सुधाकर सिंह के इस्तीफा देने के बाद उन्होंने हाल ही में डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से मुलाकात की थी। उनसे मांग की थी कि सरकार को सुचारू तरीके से चलाने के लिए जल्द से जल्द कोर्डिनेशन कमेटी बनाई जाए। उन्होंने दावा किया कि असेंबली में आरजेडी के सबसे ज्यादा विधायक हैं। आरजेडी अध्यक्ष तेजस्वी यादव ने पार्टी की मांगें सुनी हैं और लगता है कि वो एक्शन लेंगे।
आलम ने बताया कि डिप्टी सीएम ने कहा कि सीपीआईएमएल(एल) की ओर कमेटी में शामिल होने वाले लोगों के नाम दिए जाएं। आलम के मुताबिक,'तेजस्वी यादव ने मुझे आश्वस्त किया है कि इसको लेकर एक कमेटी जल्द ही बनाई जाएगी। इस कोर्डिनेशन कमेटी में प्रत्येक पार्टी के कम से कम दो सदस्य होंगे।' माले विधायक ने कहा कि अन्य गठबंधन सहयोगियों के नेताओं को भी समिति के लिए अपने प्रतिनिधियों के नाम देने के लिए कहा जाएगा।
बिहार की महागठबंधन सरकार में जेडीयू, आरजेडी-सीपीआईएमएल (एल) के अलावा कांग्रेस, सीपीआई, सीपीआई (एम) और पूर्व सीएम जीतन राम मांझी की पार्टी हम सहयोगी है। हालांकि, सभी दलों का मानना है कि महागठबंधन के बने रहने के लिए जरूरी है कि आरजेडी और जेडीयू के बीच को तनाव न रहे। दोनों पार्टियों के कुल 124 विधायक हैं, जो 243 सीट वाले विधानसभा में जादू के आंकड़े से 2 अधिक हैं। यही कारण है कि अन्य गठबंधन सहयोगी भी सीपीआईएमएल (एल) की भावनाओं को साझा करते हैं।
इस बीच सीपीआई के राष्ट्रीय सचिव अतुल अंजान ने कहा, 'हालिया घटनाक्रम समन्वय समिति के जल्द गठन की आवश्यकता को रेखांकित करता है। हमारी पार्टी ने शुरुआत में ही इसकी मांग उठाई थी। हमारे राज्य सचिव राम नरेश पांडे ने इसके लिए मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी, लेकिन उन्होंने खास दिलचस्पी नहीं ली।' अंजान ने कहा, "मोकामा और गोपालगंज विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के साथ ऐसी समिति का गठन और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। उपचुनाव बहुदलीय गठबंधन के लिए अपनी एकजुटता प्रदर्शित करने का एक अवसर होगा।"
कांग्रेस महागठबंधन का तीसरा सबसे बड़ा घटक दल है। इसके बिहार प्रभारी भक्त चरण दास हाल की उथल-पुथल पर टिप्पणी करने से कतराते रहे, लेकिन एक समन्वय समिति की जरूरत पर वह सहमत हुए।