नई दिल्ली: तेजस्वी यादव को दी गई जमानत को रद्द करने के लिए सीबीआई ने दिल्ली में विशेष अदालत का रुख किया है। तेजस्वी ने कथित रूप से एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीबीआई के अधिकारियों को धमकी दी थी। सीबीआई ने कहा है कि तेजस्वी यादव की जमानत रद्द की जाए क्योंकि उन्होंने जमानत शर्तों का उल्लंघन किया है।
गत 25 अगस्त को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में तेजस्वी यादव ने कहा था, ''क्या सीबीआई अधिकारियों की मां और बच्चे नहीं होते, क्या उनका परिवार नहीं है, क्या वे हमेशा सीबीआई अधिकारी रहेंगे, क्या वे रिटायर नहीं होंगे, सिर्फ यही पार्टी सत्ता में बनी रहेगी, आप क्या संदेश देना चाहते हैं? आपको संवैधानिक संगठन के कर्तव्य का ईमानदारी से निर्वहन करना चाहिए।"
तेजस्वी यादव ने राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के कई नेताओं के घरों पर सीबीआई द्वारा "नौकरियों के बदले जमीन" मामले में छापेमारी के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया था। मामले में यूपीए-1 सरकार के दौर में उनके पिता लालू यादव के रेल मंत्री के कार्यकाल के दौरान अनियमितताओं का आरोप लगाया गया था।
जमानत रद्द करने के अपने आवेदन में, सीबीआई ने आरोप लगाया है कि तेजस्वी यादव ने सीबीआई अधिकारियों को धमकाया जिससे मामला प्रभावित हुआ। यह जमानत की शर्तों को धता बताने के बराबर है।
आईआरसीटीसी घोटाला मामले में सीबीआई ने बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के खिलाफ दिल्ली कोर्ट का रुख किया है। सीबीआई ने मामले में उन्हें दी गई जमानत को रद्द करने की मांग की है। विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल ने सीबीआई की याचिका पर तेजस्वी यादव को नोटिस जारी करके मामले में जवाब मांगा है।