पटना: बिहार में अलग से जातीय जनगणना कराने को लेकर विपक्ष का प्रतिनिधिमंडल गुरुवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से विधानसभा के उनके कक्ष में मिला। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के नेतृत्व में सभी दलों के नेताओं ने जातीय जनगणना कराने के लिए जल्द सर्वदलीय बैठक बुलाने का आग्रह मुख्यमंत्री से किया। मुलाकात के बाद पत्रकारों को तेजस्वी यादव ने बताया कि बैठक में निर्णय लिया गया है कि दो-चार दिनों के अंदर सर्वदलीय बैठक होगी।
सीएम से मुलाकात के बाद तेजस्वी यादव ने कहा कि जातीय जनगणना तय है। यह कैसे होगी? इस पर फैसला सर्वदलीय बैठक में होगी। केंद्र ने हमारी माँग को खारिज कर दिया है। ऐसे में बिहार सरकार द्वारा अपने खर्च पर जातीय गणना कराने की हमारी मांग पर मुख्यमंत्री ने भरोसा दिया है। इस विषय में शीघ्र ही सर्वदलीय बैठक बुलाई जाएगी। लालू प्रसाद के नेतृत्व में जातीय जनगणना को लेकर काफी पहले से संघर्ष किया जा रहा है, जिसमें विपक्ष की सभी पार्टियों ने भी सहयोग किया है।
तेजस्वी ने कहा कि नीति आयोग की रिपोर्ट भी बताती है कि बिहार में सबसे अधिक करीब 52 आबादी गरीब है। जातीय जनगणना से यह भी जानकारी मिलेगी कि कौन सी आबादी अधिक पीछे है, जिन्हें आगे लाने के लिए अलग से योजनाएं बनेंगी। कई मामलों में जातीय जनगणना उपयोगी होगी। यह बात गलत है कि जातीय जनगणना से कोई मतभेद पैदा होगा।
उन्होंने कहा कि हमलोगों ने पहले भी मुख्यमंत्री से आग्रह किया था कि केंद्र सरकार जातीय जनगणना नहीं कराती है तो राज्य सरकार अपने खर्च से इसे कराए। मुख्यमंत्री ने भी इसको लेकर सर्वदलीय बैठक बुलाने की बात कही थी। कहा कि जातीय जनगणना तो तय है, पर कैसे होगी इसका निर्णय सर्वदलीय बैठक में होगा।
मुख्यमंत्री से मिलने वाले विपक्षी सदस्यों में तेजस्वी यादव के अलावा राजद के तेजप्रताप यादव, ललित यादव, कांग्रेस के अजीत शर्मा, माले के महबूब आलम, एमआईएमआईएम के अख्तरूल इमान और सीपीएम के अजय शर्मा शामिल थे।