पटना: शहरों और जगहों के नाम बदलने की सियासी परंपरा बिहार के सीएम नीतीश कुमार को किस कदर नापसंद है इसकी बानगी पटना में देखने को मिली। मीडिया से बातचीत के दौरान बख्तियारपुर का नाम बदलने की बात पर वह भड़क उठे। सोमवार को पटना में जनता दरबार में मीडियाकर्मियों ने नीतीश कुमार से बख्तियारपुर का नाम बदलने को लेकर सवाल किया था। इसे लेकर उन्होंने कहा, क्या बात करते हो, नाम काहे बदलेगा, मेरे जन्म स्थान का नाम बख्तियारपुर है, उसका नाम क्यों बदलेगा। लोग बख्तियारपुर के बारे में बिना मतलब की बात करते हैं। ये सब फालतू बात है।
इसके बाद उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा कि मेरा जन्मस्थान बख्तियारपुर है। इस बार यहीं के एक व्यक्ति ने नालंदा विश्वविद्यालय को नए सिरे से बनाना शुरू कर दिया है। हम बख्तियारपुर का नाम क्यों बदलेंगे? इस जगह को लेकर लोग बिना मतलब की बात कर रहे हैं। नाम नहीं बदला जाएगा। दरअसल, भाजपा विधायक हरि भूषण ठाकुर बचोल ने बख्तियारपुर का नाम बदलकर नीतीश नगर रखने की मांग की थी।
भाजपा विधायक ने कहा था कि जैसे इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज किया गया, उसी तरह से बख्तियारपुर का नाम बदलकर नीतीश नगर किया जाना चाहिए।
बख्तियारपुर के स्थानीय लोगों का भी कहना है कि जिस बख्तियार खिलजी ने नालंदा विश्वविद्यालय को नष्ट किया था उसके नाम पर बख्तियारपुर स्टेशन का नाम रखना, तकलीफ भरा है। लेकिन, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की राय इनसे बिल्कुल अलग है। वह नाम बदलने के कतई पक्ष में नहीं हैं।
दरअसल, बिहार के राजनीतिक गलियारों में इन दिनों बख्तियारपुर स्टेशन का नाम बदलने की चर्चा खूब हो रही है। दो साल पहले भी भाजपा के सांसद गोपाल नारायण सिंह ने राज्यसभा में बख्तियारपुर स्टेशन का नाम बदलने की मांग उठाई थी।