पटना: प्रमुख विपक्षी दलों के साथ कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की शुक्रवार शाम हुई वर्चुअल बैठक में कई नेता शामिल हुए। 19 दलों की बैठक में राजद नेता व बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी शामिल हुए। तेजस्वी यादव ने कहा कि 2024 में विपक्ष की क्या रणनीति होगी, उस पर अभी से तैयारी करनी चाहिए। विगत 7 वर्षों में विपक्ष एक ही तरीक़े से चुनाव लड़ रहा है। विपक्ष अपने एजेंडे पर चुनाव लड़े। मुद्दों में धार और नयापन लाने की ज़रूरत है। बिहार और बंगाल ने दिखाया है कि भाजपा से कैसे लड़ा जा सकता है।
तेजस्वी यादव ने कहा कि महंगाई, बेरोज़गारी और सरकार की जनविरोधी नीतियों से मध्यम वर्ग त्रस्त है। राजद ने चुनाव नतीजों के बाद से ही किसानों, मज़दूरों, बेरोजगारों, महंगाई और जातिगत जनगणना को लेकर सड़क से लेकर सदन और संसद तक प्रदर्शन किया है। विपक्ष को सड़क पर आना ही होगा। जीत-हार चुनाव नतीजों के बाद से ही विपक्ष को अगले चुनाव की तैयारी करनी चाहिए। चुनाव से चंद दिन पहले ही गठबंधन होने से कार्यकर्ताओं और मतदाताओं में भ्रम की स्थिति उत्पन्न होती है।
उन्होंने कहा, जो भी गठबंधन और उससे संबंधित सहमति हो, वह तय समय सीमा में चुनाव से पूर्व ही बने।
विपक्ष के पास असंख्य मुद्दे हैं, लेकिन हम मुद्दों को लोगों की नाराज़गी के अनुपात में भुना नहीं पा रहे है। विपक्ष में निरंतर संवाद की कमी है। राष्ट्रीय स्तर के साथ-साथ राज्य स्तर पर विपक्ष का साझा कार्यक्रम तय होना चाहिए। विपक्ष को एक विकल्प पेश करना चाहिए कि हम सब साथ हैं। क्या हमारा कार्यक्रम है। क्या हमारी योजना और विजन है।
मजबूत क्षेत्रीय पार्टी को ड्राइविंग सीट पर बैठाना चाहिए
उन्होंने कहा कि जिन राज्यों में क्षेत्रीय पार्टियां मजबूत है। उन्हें वहां ड्राइविंग सीट पर बैठाना चाहिए। विपक्ष के सभी दल जातिगत जनगणना को मुद्दा बनाए। यूपीए ने 2011 की जनगणना में आर्थिक शैक्षणिक जातीय गणना के आंकड़े इकट्ठे करवाए लेकिन भाजपा सरकार ने उन आंकड़ों को सार्वजनिक नहीं किया। विपक्ष को जातीय जनगणना पर एक होकर सरकार पर दबाव बनाना चाहिए. यह महत्वपूर्ण मुद्दा है।