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पटना: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर द्वारा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोले जाने के बाद उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी खुलकर सामने आए और पलटवार किया। प्रशांत किशोर के हमले के बाद एक तरफ जहां जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के सभी प्रवक्ता मौन धारण कर लिया, वहीं उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी खुलकर नीतीश कुमार के समर्थन में आए। सुशील मोदी ने ट्वीट कर कहा कि बिहार में चंद महीनों बाद चुनाव होने को है, इसलिए हर कोई अभी से अपनी तैयारी कर रहा है। साथ ही अधिकतम लाभ या सफलता को ध्यान में रखकर बयान दे रहा है।

मोदी ने कहा कि सरकार अपने पांच साल के काम जनता के सामने रख रही है। जो बेरोजगार रहे, वे रथ यात्रा निकालकर अपनी नाकामी पर पर्दा डालना चाहते हैं और प्रशांत किशोर का नाम लिए बिना कहा कि जो इवेंट मैनेजमेंट और स्लोगन राइटिंग का काम करते थे, वे नया ठेका पाने में लग गए हैं। सुशील मोदी ने कहा कि जनता मालिक है और वह केवल काम पर आशीर्वाद देने वाली है। उन्होंने कहा कि इंवेट मैनेजमेंट करने वालों की अपनी कोई विचारधारा नहीं होती, लेकिन वे अपने प्रायोजक की विचारधारा और भाषा तुरंत अपनाने में माहिर होते हैं।

जनता देख रही है कि चुनाव करीब आने पर किसको अचानक किसमें गोडसे के विचारों की छाया दिखने लगी और कौन 'दूध का धुला' सेक्युलर गांधीवादी लगने लगा। अजीब पाखंड है कि कोई किसी को पितातुल्य बताये और पिता के लिए 'पिछलग्गू' जैसा घटिया शब्द चुने।

उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति 2014 में नरेंद्र मोदी की जीत के लिए काम करने का डंका पीट चुका हो, उसे बताना चाहिए तब मोदी और भाजपा उसे गोडसेवादी क्यों नहीं लगे? मोदी ने फिर कहा कि ढाई साल से नीतीश कुमार भाजपा के साथ हैं, लेकिन चुनाव से आठ महीने पहले वे गोडसेवादी क्यों लगने लगे?

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