नई दिल्ली: बिहार विधानसभा चुनाव आने में अभी वक्त है लेकिन वहां पर सियासी गर्मी की तपिश का एहसास अब किया जाने लगा है। कुछ दिनों पहले पार्टी से निकाले गए प्रशांत किशोर ने सार्वजनिक तौर पर नीतीश कुमार को पिछलग्गू बताकर हमला किया तो जेडीयू ने उन्हें मानसिक तौर पर अस्थिर करार दिया। जेडीयू नेता अजय आलोक ने कहा निलंबित पार्टी नेता प्रशांत किशोर पर हमला बोलते हुए कहा- “कोई भी शख्स ऐसा व्यवहार तब करता है जब वे मानसिक तौर पर आसंतुलित हो जाता है। एक तरफ वे कहते हैं कि नीतीश कुमार मेरे पिता की तरह है और दूसरी तरफ वे उनके ऊपर हमला करते हैं जो सच नहीं है।”
नीतीश जी गांधी और गोडसे के साथ, कैसे एक साथ खड़े रह सकते हैं
चुनाव रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर ने मंगलवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विकास मॉडल पर सवाल खड़ा किया और उन पर सैद्धांतिक विचारधारा से समझौता कर भाजपा के साथ गठबंधन में रहने की बात पर कटाक्ष भी किया। संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ आवाज उठाने वाले किशोर ने कहा कि कुमार को यह बताना चाहिए कि वह महात्मा गांधी और गोडसे के साथ एक साथ कैसे खड़े रह सकते हैं।
उन्होंने कहा, 'नीतीश जी हमेशा कहते हैं कि वह गांधी, जेपी और लोहिया के आदर्शों को नहीं छोड़ सकते। फिर वह उन लोगों के साथ कैसे रह सकते हैं जो कि गोडसे की विचारधारा का समर्थन करते हैं। दोनों एक साथ नहीं चल सकते। अगर आप भाजपा के साथ खड़े रहना चाहते हैं, तो मुझे इससे कोई दिक्कत नहीं है लेकिन आप दोनों तरफ तो नहीं रह सकते।'
किशोर ने कहा ‘‘इस मुद्दे पर मेरे और नीतीश जी के बीच काफी चर्चा हुई है। उनके अपने विचार हैं जबकि मेरे अपने। मेरे और मुख्यमंत्री के बीच इस बात को लेकर मतभेद हैं कि गांधी और गोडसे के विचार एक साथ खड़े नहीं हो सकते। दल का नेता होने के नाते आपको यह बताना होगा कि आप किस तरफ हैं।’’
नीतीश राज में अब भी सबसे गरीब राज्य है बिहार
नीतीश की शासन प्रणाली पर सीधा निशाना साधते हुए किशोर ने कहा कि 2005 में बिहार सबसे गरीब राज्य था और अब भी है। उन्होंने कहा, ' बिहार में पिछले 15 वर्षों में विकास हुआ है लेकिन इसकी गति वैसी नहीं है जैसी होनी चाहिए।'
बिहार जेडीयू से निकाले जाने के बाद पहली बार जब पटना में मंगलवार को प्रशांत किशोर ने प्रेस को संबोधित किया तो उनके निशान पर थे सिर्फ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार। उन्होंने नीतीश कुमार पर एक के बाद एक कई तीर से उन पर निशाना साधा। प्रशांत किशोर ने कहा कि गरीबी के मामले में आज भी सबसे ज्यादा गरीब लोग बिहार में ही है।
मेरा नीतीश से संबंध विशुद्ध राजनीतिक नहीं
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार मानते हैं कि उन्होंने बिहार में बहुत कुछ किया, लेकिन हकीकत ये है कि देश का सबसे ज्यादा गरीब बिहार में ही बसते हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि नीतीश कुमार उनके लिए पिता तुल्य हैं और उनका फैसला उन्हें दिल से स्वीकार है। उन्होंने कहा कि पिछले 15 वर्षों के दौरान भले ही बिहार का विकास हुआ हो, लेकिन विकास की गति ऐसी नहीं रही जिससे आमूल-चूल परिवर्तन हुआ हो। प्रशांत ने आगे कहा कि 2005 में भी बिहार देश का सबसे गरीब राज्य था और आज भी सबसे गरीब राज्य है, जो विकास के मामले में 22वें स्थान पर है। प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार गोड्से की विचारधारा वालों के साथ हैं।
उन्होंने कहा बिहार में शिक्षा को लेकर भले ही काफी काम हुआ हो, लेकिन हकीकत ये है कि साइकिल बटी, पोशाक बटी, एडमिशन भी हुआ लेकिन शिक्षा का स्तर नहीं बढ़ पाया। प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार के लोग यह जानना चाहते हैं कि जो आपने जो किया वो ठीक है, लेकिन अगले दस साल के लिए क्या एजेंडा है? उन्होंने कहा कि आज बिहार के लोग सूरत में काम करने जाते हैं लेकिन ऐसा दिन भी तो आए कि वहां से भी लोग यहां पर काम करने आए।