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पटना: बिहार में इसी साल अक्तूबर में विधानसभा चुनाव होने है, लेकिन राजनीतिक पार्टियों के बीच चुनावी सरगर्मी अभी से शुरू हो गई है। राजद नेता तेजस्वी यादव की बेरोजगारी यात्रा पर अब जेडीयू दो फाड़ होती नजर आ रही है। 15 साल तक लगातार सत्ता पर काबिज रहने के बाद पिछले 15 सालों से सत्ता में वापसी का इंतजार कर रही राजद ने नीतीश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। राजद नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव 23 फरवरी से बेरोजगारी हटाओ यात्रा शुरू करने जा रहे हैं, लेकिन यात्रा से पहले ही राजनीति शुरू हो गई है। दरअसल, यात्रा में इस्तेमाल किए जाने वाले हाईटेक बस पर विवाद शुरू हो गया है।

जनसंपर्क विभाग के मंत्री नीरज कुमार ने पहले इस बस को लेकर तेजस्वी यादव के ऊपर आर्थिक जालसाजी का आरोप लगाया और अब पोस्टर के जरिए जेडीयू ने इस मुद्दे को और हवा दी है। वहीं जेडीयू के एमएलसी जावेद इकबाल अंसारी ने इस यात्रा का समर्थन कर सबको चौंका दिया है। जावेद इकबाल अंसारी ने कहा कि विपक्षी नेता 'बेरोजगारी हटाओ यात्रा' निकाल रहे हैं।

पिछले 10-15 वर्षों में बेरोजगारी के कारण बिहार से पलायन बढ़ा है, लोग दूसरे राज्यों में काम करने के लिए जाते हैं, लेकिन अपमानित होते हैं। जो भी युवाओं के भविष्य के लिए सड़कों पर उतरता है, उसकी सराहना की जानी चाहिए।

इसके साथ ही जेडीयू विधायक अमरनाथ गामी ने भी तेजस्वी की यात्रा को दबी जुबान से सही ठहराते हुए कहा कि बिहार में बेरोजगारी है, अन्यथा कोई पलायन नहीं करता। तेजस्वी जी 'बेरोजगारी हटाओ यात्रा' निकाल रहे हैं, लेकिन इस यात्रा में वह अकेले हैं कोई उनकी मदद नहीं करेगा। केंद्र सरकार की मदद के बिना बेरोजगारी दूर करना संभव नहीं है। अबतक किसी भी सरकार ने बिहार में बेरोजगारी पर ध्यान नहीं दिया है।

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