नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार में उत्पन्न बाढ़ की स्थिति पर सोमवार को फोन पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बात की। इसके बाद पीएम ने बिहार को हर संभव मदद देने की बात कही। पीएम ने कहा कि केंद्रीय एजेंसी स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर काम कर रही है। पीएम ने इस संबंध में ट्वीट भी किया है। वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को पटना शहर एवं उसके आसपास के जलजमाव से प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया। मुख्यमंत्री ने मौजूदा स्थिति का जायजा लिया तथा संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। हवाई सर्वेक्षण के दौरान जल संसाधन मंत्री संजय झा, मुख्य सचिव दीपक कुमार और मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा भी साथ थे।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना शहर के सभी संप हाउस के पंपिंग सेट 24 घंटे चलाने का निर्देश दिया है। ताकि जल-जमाव वाले क्षेत्र से पानी को निकाला जा सके। साथ-ही-साथ बड़े पैमाने राहत सामग्री वितरण और फंसे लोगों को बाहर निकालने का अभियान चालने का निर्देश भी दिया है। मंगलवार को दो हेलीकॉप्टर से भी विभिन्न क्षेत्रों में खाद्य सामग्री गिराए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने पटना समेत विभिन्न जिलों में भारी बारिश के बाद जल-जमाव और बाढ़ की उत्पन्न स्थिति की जानाकरी जिलाधिकारियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग कर ली। कई आवश्यक निर्देश भी दिए। बैठक के बाद मुख्य सचिव दीपक कुमार ने पत्रकारों के बताया कि समीक्षा बैठक में मौसम विभाग के प्रतिनिधि ने जानकारी दी है कि मंगलवार से पूरे बिहार में बारिश से राहत मिलेगी। कहा कि कुछ जिले भागलपुर, बांका, खगड़िया और बेगूसराय में काफी बारिश हुई है। वहां के जिलाधिकारियों के निर्देश है कि लोगों को हर तरह की सुविधा मिले यह सुनिश्चित करें।
आफत की बारिश से हो चुकी है 24 लोगों की मौत
चार दिनों से लगातार हो रही आफत की बारिश राजधानी पटना समेत पूरे सूबे पर कहर बनकर टूटा है। जनजीवन ठहर गया है। उत्तर बिहार, पूर्व बिहार समेत राज्य के हर क्षेत्र में हो रही तेज बारिश से स्थिति हर क्षण विकट होती जा रही है। अब तक अलग-अलग जगहों पर हुई घटनाओं में 24 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें पटना में सात मौतें हुई हैं। इनमें भागलपुर में 12 और अन्य जिलों में पांच जानें गई हैं।
हालत यह है कि राज्य की बड़ी से ज्यादा उफान छोटी नदियों में है। छोटी नदियां तीन दर्जन स्थानों पर लाल निशान से ऊपर बह रही हैं। वहीं, गंगा के घटने का रफ्तार तो थमा है, लेकिन, पुनपुन और सोन उफना गईं हैं। पटना में स्थिति और भी भयावह है। पटना में जलप्रलय जैसे हालात हैं, जिसकी वजह से लोग पानी पीने को तरसते दिखे।