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नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने सोमवार (2 मार्च) को भाजपा पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि उनके नेता शिवराज सिंह चौहान और नरोत्तम मिश्रा मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के विधायकों को राज्य सरकार को अस्थिर करने का लालच दे रहे हैं। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं पर कांग्रेस विधायकों को 25 से 35 करोड़ रुपए देने का आरोप लगाया और कहा कि भगवा पार्टी पांच करोड़ रुपए एडवांस, जबकि शेष राशि कुछ हिस्सों में दे रही है। भाजपा पर 15 साल तक अपने शासनकाल के दौरान मध्य प्रदेश को लूटने का आरोप लगाते हुए सिंह ने कहा कि पार्टी विपक्ष में बैठने के लिए तैयार नहीं है और इसीलिए वह इस तरह के तरीके अपना रही है।

सिंह ने संसद परिसर के अंदर मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, “मैं भाजपा को चेतावनी देना चाहता हूं कि वह कनार्टक नहीं है। मध्य प्रदेश का एक भी कांग्रेस विधायक बिकने के लिए नहीं है।” उन्होंने कहा, “मैं कहना चाहता हूं कि एक तरफ भाजपा सरकार कांग्रेस सरकारों के खिलाफ छापेमारी करने के लिए आयकर, ईडी, सीबीआई को खुली छूट दे रही है और दूसरी तरफ कांग्रेस के विधायकों को खरीदने के लिए पैसे बांट रही है।”

सिंह ने कहा कि वह खुलकर तथ्यों के साथ यह कह रहे हैं। सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा, “मैंने कभी कोई आरोप नहीं लगाया। शिवराज सिंह चौहान और नरोत्तम मिश्रा दोनों में इस बात पर विवाद था कि मुख्यमंत्री कौन बनेगा। लेकिन अब यह तय हो गया है कि एक मुख्यमंत्री होगा और दूसरा उप मुख्यमंत्री। अपने सपनों को पूरा करने के लिए दोनों ने मिलकर विधायकों से संपर्क किया। यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”

कांग्रेस नेता ने कहा कि यह सब बातें जनता के सामने रखी जाएगी। सिंह ने कहा कि कांग्रेस के 10 विधायकों को इस तरह के प्रस्ताव दिए गए हैं। नागरिकता संशोधन अधिनियम पर बोलते हुए, सिंह ने कहा कि निश्चित रूप से संशोधन की आवश्यकता नहीं थी।

इसके अलावा दिल्ली हिंसा के बारे में बात करते हुए सिंह ने कहा कि इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए, चाहे वह किसी भी धर्म का हो। उन्होंने हिंसा पर अंकुश लगाने में विफलता को लेकर दिल्ली पुलिस पर भी निशाना साधा। पिछले हफ्ते हुई दिल्ली हिंसा में 47 लोग अपनी जान गंवा दी है, जबकि 200 से ज्यादा घायल हुए हैं।

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