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नई दिल्ली: मध्यप्रदेश का हनीट्रैप मामला सुर्खियों में छाया है। कहा जा रहा है कि यह देश का सबसे बड़ा सेक्स स्कैंडल हो सकता है। एसएसपी इंदौर रूचि वर्धन मिश्रा ने गुरुवार की शाम बताया कि, हनीट्रैप मामले में मोनिका (मामले के सिलसिले में गिरफ्तार आरोपियों में से एक) को अदालत में गवाह के रूप में पेश किया जाएगा। वह कॉलेज की प्रथम वर्ष की छात्रा है और खुद पीड़ित है। उसके पिता ने भी मानव तस्करी का मामला दर्ज कराया है।

जांच कर रहे अधिकारियों को महिलाओं से जब्त किए गए लैपटॉप और मोबाइल फोन में करीब चार हजार फाइलें मिली हैं। इनमें कई अश्लील चैट के स्क्रीनशॉट, अधिकारियों के अश्लील वीडियो, समझौता करने वाले अधिकारियों के वीडियो और ऑडियो क्लिप मिले हैं। इन ऑडियो और वीडियो क्लिप में बड़ी संख्या में कथित तौर पर नौकरशाह, मंत्री और पूर्व सांसद शामिल हैं। दूसरी ओर बुधवार से स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) ने अपनी जांच शुरू कर दी है। टीम के अध्यक्ष संजीव शमी बनाए गए हैं।

माना जा रहा है कि जांच के आगे बढ़ने के साथ ही यह देश का सबसे बड़ा सेक्स स्कैंडल साबित हो सकता है। फोरेंसिक विशेषज्ञ की टीम महिलाओं से जब्त किए गए लैपटॉप और मोबाइल फोन की लगातार जांच कर रहे हैं। अब तक इनमें से चार हजार वीडियो और ऑडियो क्लिप्स निकाले जा चुके हैं।

भाजपा और कांग्रेस के बड़े नेताओं की लंबी सूची है

अधिकारियों ने कहा कि डिजिटल फाइलों की सूची जल्द ही 5,000 तक पहुंच सकती है। जांच में यह भी पता चला है कि, ब्लैकमेलर महिलाएं भोपाल के मंहगे क्लबों में आती-जाती थीं। वहां उनके लिए कमरे बुक कराए जाते थे, लेकिन अब उन क्लबों के चेक-इन रजिस्टर गायब हैं और उनके रिकॉर्डों में भी हेरफेर करने की लगातार कोशिश की जा रही है। हनीट्रैप में वरिष्ठ नौकरशाहों से लेकर जूनियर प्रोजेक्ट इंजीनियर, भाजपा और कांग्रेस के बड़े नेताओं की लंबी सूची है।

एसआईटी जांच टीम के सामने सबसे बड़ी चुनौती इन वीडियो को गलत हाथों में पड़ने से रोकना है। मामले की जांच कर रहे एक निरीक्षक को बाहर कर दिया गया है। उस पर पकड़े गए फोन की क्लिप ब्लूटूथ के जरिए अपने फोन में ट्रांसफर करने का आरोप था।

मालूम हो कि, इंदौर नगर निगम के इंजीनियर हरभजन की तीन करोड़ रुपये मांगने की शिकायत के बाद भोपाल और इंदौर पुलिस ने ब्लैकमेलिंग करने वाली पांच महिलाओं को गिरफ्तार किया था। यह महिलाएं अफसरों और नेताओं के वीडियो बनाकर उन्हें ब्लैकमेल करती थीं। इस हाईप्रोफाइल मामले में एक पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व राज्यपाल, पूर्व सांसद, भाजपा और कांग्रेस से जुड़े नेता और नौकरशाहों के नाम होने की बात कही जा रही है। फिलहाल जांच जारी है और अभी तक किसी का भी नाम सामने नहीं आया है।

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