ताज़ा खबरें
संभल हिंसा: सपा सांसद बर्क और पार्टी विधायक के बेटे पर मुकदमा
संसद में अडानी के मुद्दे पर हंगामा, राज्यसभा पूरे दिन के लिए स्थगित
संभल में मस्जिद सर्वे के दौरान भड़की हिंसा:अब तक 4 लोगों की मौत
निज्जर हत्याकांड: कनाडा में चार भारतीयों के खिलाफ सीधे होगा ट्रायल
हेमंत सोरेन ने पेश किया सरकार बनाने का दावा, 28 को लेंगे शपथ

बड़वानी: मेधा पाटकर ने बड़वानी में 9 दिनों के बाद अपना अनिश्चितकालीन उपवास समाप्त किया। वह सरदार सरोवर बांध के शटर बंद करने और जल स्तर को 138.68 मीटर करने के गुजरात सरकार के कदम का विरोध कर रही थी। नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर की तबीयत बिगड़ने का हवाला देते हुए भाकपा के राज्यसभा सदस्य बिनय विस्वम ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की थी।

पाटकर गुजरात में निर्मित सरदार सरोवर बांध के विस्थापितों के उचित पुनर्वास और बांध के गेट खोलने की मांग को लेकर मध्यप्रदेश के बड़वानी जिले के छोटा बड़दा गांव में पिछले आठ दिनों से अनिश्चितकालीन सत्याग्रह आंदोलन कर रहीं थीं। विस्वम ने पत्र में कहा है कि पाटकर के साथ आंदोलनरत हजारों ग्रामीणों की सेहत में लगातार गिरावट के कारण उपजे हालात की गंभीरता को देखते हुए प्रधानमंत्री को इस मामले में तत्काल दखल देना चाहिए।

उन्होंने कहा कि सरदार सरोवर बांध से जल निकासी बंद करने के गुजरात सरकार के फैसले के कारण मध्यप्रदेश के बड़वानी सहित आसपास के 192 गांवों में जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। गुजरात सरकार के इस फैसले के विरोध में पाटकर स्थानीय ग्रामीणों के साथ आंदोलन कर रही थीं।

विस्वम ने कहा कि नर्मदा नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी के कारण प्रभावित इलाकों के लगभग 32 हजार परिवारों पर अस्तित्व का संकट मंडरा रहा है। उन्होंने कहा, विकास लोगों की भलाई के लिए होना चाहिए ना कि उनका जीवन अस्थिर करने के लिए। इसके मद्देनजर ही पाटकर पिछले आठ दिन से भूख हड़ताल पर थीं। उनकी सेहत दिन प्रतिदिन बिगड़ रही थी। विस्वम ने कहा कि गुजरात सरकार को अपना फैसला वापस लेना चाहिए।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख