भोपाल: मध्यप्रदेश के उज्जैन की एक अदालत ने भ्रष्टाचार के एक मामले में लोक निर्माण विभाग के लेखपाल को चार वर्ष के कठोर कारावास और दस हजार के जुर्माने की सजा सुनाई है। आरोपी ने वर्ष 2009-10 के दौरान कुल 74 देयकों में हेराफेरी कर 86 हजार 280 रुपये का गबन किया था। विशेष न्यायाधीश एल.डी. सोलंकी ने भ्रष्टाचार से संबंधित मामले में लोक निमार्ण विभाग के तत्कालीन लेखपाल रामचंद्र मालवीय को शुक्रवार को यह सजा सुनाई।
आरोपी मालवीय को पूर्व में भी अनुपातहीन संपत्ति अर्जित करने के मामले में चार वर्ष के सश्रम कारावास तथा चौबीस लाख रुपये का जुमार्ना किया जा चुका है, जिसमें वह पूर्व से ही जेल में निरुद्ध है। लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक गीतेश गर्ग ने बताया कि तत्कालीन लेखापाल रामचंद्र मालवीय सहायक ग्रेड 2 की लोकायुक्त को पद का दुरुपयोग कर शासकीय धन राशि का गबन करने, देय भुगतान बिलों और वाउचर पर काट-छांट कर उसमें राशि बढ़ाने की शिकायत मिली थी।
मामले में स्थानीय निधि समपरीक्षा भोपाल के ऑडिटर द्वारा भी अपनी ऑडिट रिपोर्ट में लेखपाल द्वारा की गई हेरा फेरी पकड़ी गई। इसके बाद विभिन्न धाराओं में अभियोग पत्र न्यायालय में 27 जुलाई 2016 को प्रस्तुत किया गया था।