भोपाल: मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार ने किसानों की कर्ज माफी के फैसले पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शपथग्रहण के तुरंत बाद कर्जमाफी के फैसले पर हस्ताक्षर किए। कांग्रेस ने इन चुनावों में वादा किया था कि वह जीतने के बाद किसानों का कर्ज माफ करेगी। कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में इस मुद्दे को सबसे प्रमुखता से उठाया था। मध्यप्रदेश में इस फैसले के बाद किसानों का 2 लाख तक का कर्ज माफ किया जाएगा। इस फैसले के तहत 31 मार्च 2018 तक के कर्ज माफ किए गए हैं।
फैसले के अनुसार, राष्ट्रीय और सहकारी बैंकों से लिए गए सभी कर्ज माफ किए जाएंगे। इसके साथ कमलनाथ ने साफ कहा कि हमारी सरकार की पहली प्राथमिकता किसान होंगे। किसानों की कर्जमाफी के अलावा कमलनाथ ने दूसरा बड़ा फैसला कन्यादान की राशि बढ़ाने का किया। उन्होंने मध्यप्रदेश में कन्यादान की राशि बढ़ाकर 51 रुपए कर दी। अब तक इस योजना के तहत 25 हजार रुपए मिलते थे। कर्जमाफी के बाद सीएम कमलनाथ ने मीडिया से बातचीत में कहा कि आज किसान कर्ज में पैदा होता है और कर्ज में मर जाता है।
मध्यप्रदेश में 70 फीसदी आबादी कृषि पर निर्भर हैं। ऐसे में इस क्षेत्र में अगर तरक्की नहीं होगी, तो प्रदेश की तरक्की नहीं होगी।
कमलनाथ ने कहा, जब तक मैं किसानों के चेहरों पर खुशी न देख लूं मुझे चैन नहीं मिलेगा। कर्जमाफी पर सवाल उठाने वाले विशेषज्ञों की बात पर कमलनाथ ने कहा, जब उद्योगपतियों का कर्ज माफ होता है तब कोई क्यों नहीं बोलता। ये सभी विशेषज्ञ क्या कभी गांवों में गए हैं। उन्होंने वहां किसानों की हालत देखी है। ऐसे में वह सिर्फ कमरों में बैठकर ऐसी टिप्पणी क्यों करते हैं।
इससे पहले भोपाल के जम्बूरी मैदान में कमलनाथ ने मध्य प्रदेश के 18वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। इस मौके पर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी मौजूद रहे। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी इस समारोह में मौजूद थे। उन्होंने शपथ ग्रहण के बाद कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया के हाथ पकड़कर जनता का अभिवादन किया।