ताज़ा खबरें
संभल हिंसा: सपा सांसद बर्क और पार्टी विधायक के बेटे पर मुकदमा
संसद में अडानी के मुद्दे पर हंगामा, राज्यसभा पूरे दिन के लिए स्थगित
संभल में मस्जिद सर्वे के दौरान भड़की हिंसा:अब तक 4 लोगों की मौत
निज्जर हत्याकांड: कनाडा में चार भारतीयों के खिलाफ सीधे होगा ट्रायल
हेमंत सोरेन ने पेश किया सरकार बनाने का दावा, 28 को लेंगे शपथ

भोपालः कांग्रेस नेता कमलनाथ ने सोमवार को मध्य प्रदेश के18वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। भोपाल के जम्बूरी मैदान में कमलनाथ का शपथ ग्रहण समारोह हुआ। शपथग्रहण समारोह में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सहित यूपीए के कई दिग्गज नेता मौजूद रहे। समारोह से पहले सर्वधर्म प्रार्थना हुई।

इससे पहले शपथ ग्रहण समारोह के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत यूपीए के कई नेता जयपुर से भोपाल पहुंचे। जिनमें पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान, एनसीपी नेता शरद पवार, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारुक अब्दुल्ला, आंध्र के सीएम चंद्रबाबू नायडू, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी पहुंचे। गौर हो कि कमलनाथ ने शनिवार को मीडिया को बताया था कि "वह अकेले शपथ लेगें" इसका मतलब मंत्रिमंडल में शामिल होने की उम्मीद रखने वाले विधायकों को फिलहाल कुछ दिन और इंतजार करना होगा। राहुल गांधी के अलावा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी, पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी, द्रमुक नेता एम के स्टालिन इस शपथ ग्रहण समारोह में मौजूद रहे।

इनके अलावा कई अन्य नेताओं के आने की संभावना है। शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए कमलनाथ ने इन नेताओं के अलावा यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, तेलुगू देशम पार्टी के प्रमुख और आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चन्द्रबाबू नायडू, बसपा प्रमुख मायावती और सपा प्रमुख अखिलेश यादव को न्योता भेजा है। साथ ही कांग्रेस शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों सहित अनेक प्रमुख नेताओं, देश के प्रमुख उद्योगपतियों और साधु संतों को भी आमंत्रण भेजा गया है। हालांकि, अब तक उनके आने की पुष्टि नहीं हुई है। जम्बूरी मैदान में शपथ ग्रहण का भव्य समारोह आयोजित करने की पिछले दो दिन से तैयारियां की जा रही हैं

मालूम हो कि कमलनाथ के पहले भाजपा के शिवराज सिंह चौहान ने भी इसी मैदान पर तीन बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। मध्यप्रदेश विधानसभा के लिए 28 नवंबर को मतदान हुआ था और 11 दिसंबर को आए चुनाव परिणाम में प्रदेश की कुल 230 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस को 114 सीटें मिली हैं। यह संख्या साधारण बहुमत, 116 सीट, से दो कम है. हालांकि बसपा के दो, सपा के एक और चार अन्य निर्दलीय विधायकों ने कांग्रेस को समर्थन दिया है। जिससे कांग्रेस को फिलहाल कुल 121 विधायकों का समर्थन हासिल है. वहीं, भाजपा को 109 सीटें मिली हैं।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख