पुणे: जम्मू-कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग बताते हुए भाजपा के महासचिव राम माधव ने शनिवार को कहा कि राज्य के लोगों को अपनी मांगों के लिए दबाव बनाने का पूरा अधिकार है, लेकिन यह सबकुछ संविधान के दायरे में रहते हुए होना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘जब हम जम्मू-कश्मीर कहते हैं तो हमें ना सिर्फ भूमि को बल्कि राज्य के लोगों को भी स्वीकार करना होगा। कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और इसपर कोई चर्चा नहीं हो सकती है। वहां के लोगों को अपनी मांगों के लिए दबाव बनाने का पूरा हक है, लेकिन ऐसा भारतीय संविधान के दायरे में रहते हुए होना चाहिए।’ फर्गूसन कॉलेज में ‘देवर्षि नारद पत्रकारिता पुरस्कार’ वितरण के लिए आयोजित समारोह में माधव ने कहा, ‘कश्मीर में कुछ लोग पाकिस्तान का समर्थन करने वाले हैं, लेकिन उनकी संख्या बहुत कम है। वहां राष्ट्रवादी ताकतों को ताकतवर बनाने के लिए हमें कश्मीरी लोगों का दिल जीतना होगा।’ करीब एक पखवाड़े पहले हिज्बुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी को सुरक्षा बलों ने मार गिराया था, उसके बाद से ही घाटी में अशांति की स्थिति है। घाटी में प्रदर्शनों के कारण जम्मू-कश्मीर में मीडिया पर कथित प्रतिबंधों पर माधव ने दावा किया कि अखबारों पर कोई प्रतिबंध नहीं था। ‘लेकिन कर्फ्यू की स्थिति के कारण अखबारों का वितरण मुश्किल था।’
उन्होंने कहा, ‘कुछ लोग शोर कर रहे थे कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बाधित की जा रही है.. अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता महत्वपूर्ण है, लेकिन जीवन की स्वतंत्रता परम है।’ पत्रकारिता के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘पत्रकारिता कभी मिशन हुआ करती थी, लेकिन अब इसने पेशे की हद भी पार कर ली है।’ माधव ने कहा, ‘पत्रकारिता में हेकड़ी आ गयी है। पत्रकारों को और विनम्र होने की जरूरत है। पत्रकारिता तभी सफल हो सकती है जब उसमें विनम्रता हो।’