मुंबई: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को कथित तौर पर ‘कलंक' कहने को लेकर राज्य की राजनीति गरमाई हुई है। भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ प्रदर्शन किया और उनसे अपनी टिप्पणी वापस लेने की मांग की। इस पर उद्धव ठाकरे ने कहा कि मैंने तो सिर्फ कलंक कहा है। कलंक शब्द अगर उन्हें इतना बुरा लगा है, तो लोगों के घर ईडी, सीबीआई भेजकर उन्हें कलंकित करते हैं, उसका क्या है?
उद्धव ठाकरे ने कहा कि अपने देश और महाराष्ट्र का राजनीति का स्तर जो गिरा है, उसे लेकर लोगों में नाराजगी है। सरकार अब भी राज्य की जनता के सवालों पर ध्यान देती नही दिख रही है। सरकार आपके द्वार कार्यक्रम तो हो रहा है, लेकिन लोगों के घरों का क्या हाल है, इस पर ध्यान नहीं है।
कलंक वाले बयान पर उद्धव ठाकरे ने कहा, "इसमें इतना लगने जैसा क्या है? आप किस तरह की भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं। हसन मुशरिफ, जिसके खिलाफ भ्रष्टाचार का आरोप लगाया, उसी को मंत्रिमंडल में स्थान दे रहे हैं, बगल बैठ रहे हैं, तो दूसरों पर आरोप लगाने का क्या हक है?
उन्होंने कहा, नितिन गडकरी को भी इसी तरह के अनुभव से गुजरना पड़ा था। घर-घर में ईडी, सीबीआई को घुसाकर लोगों को कलंकित किया जा रहा है। मैं एक शब्द बोलता हूं, तो आपको इतना बुरा लगता है, आप लोग पूरा परिवार उजाड़ देते हैं। मैंने उन्हे सच्चाई दिखा दी है। मेरी तो तबीयत पर टिप्पणी करते हैं। मैंने तो सिर्फ कलंक कहा है। कलंक शब्द अगर उन्हें इतना बुरा लगा है, तो लोगों के घर ईडी, सीबीआई भेजकर उन्हें कलंकित करते हैं, उसका क्या है?"
सरकार पर प्रहार करते हुए उन्होंने कहा, "आप कहगें तो पत्थर, आप कहेंगे तो डाकू, आप कहेंगे तो संत। आप तय करने वाले है कौन? आज देश की राजनीति आईपीएल जैसी हो गई है। कौन किस तरफ से खेलता है, पता ही नहीं चलता।
उद्धव ठाकरे से जब राज ठाकरे के साथ आने की संभावना के बारे में पूछा गया, तो वह इस बात को टाल गए।
फडणवीस के गृह नगर नागपुर में शिवसेना (यूबीटी) के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उद्धव ने सोमवार को कहा था कि भाजपा नेता (फडणवीस) नागपुर पर एक ‘कलंक' हैं, क्योंकि उन्होंने कहा था कि वह राकांपा (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) के साथ गठबंधन नहीं करेंगे, लेकिन फिर भी उन्होंने ऐसा किया। उद्धव ने फडणवीस का एक पुराना ऑडियो क्लिप भी चलाया था, जिसमें उन्हें यह कहते हुए सुना जा सकता है कि वह कभी राकांपा से हाथ नहीं मिलाएंगे। इसी के साथ शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख ने फडणवीस पर तंज कसते हुए कहा था कि भाजपा नेता की 'न का मतलब हां' होता है।