मुंबई: ढाका हमले के बाद से चर्चा में आए विवादित इस्लामिक प्रचारक जारिक नाईक की आखिरकार मुंबई में प्रेस कांफ्रेंस हुई। वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिए मीडिया का जवाब दे रहे नाईक ने कहा, मैं कभी किसी आतंकवादी से नहीं मिला, लेकिन अगर कोई आदमी मेरे बगल में खड़ा होकर फोटो लेता है तो मैं सिर्फ मुस्कुरा देता हूं। मैं ये नहीं पूछता कि वो कौन है। नाईक ने चुनौती देते हुए कहा कि मेरे खिलाफ एक भी बिना छेड़छाड़ किये वीडियो हो तो मुझे दिखाएं जिसमें मैंने सुसाइड अटैक को सही ठहराया हो। उन्होंने कहा कि ढाका हमले के बाद से मेरा मीडिया ट्रायल किया जा रहा है। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जवाब देते हुए जाकिर नाईक ने साफ किया कि मैंने कभी नहीं कहा कि किसी भी मॉल, बाजार या बिल्डिंग में जाकर सुसाइड अटैक करना सही है। मेरे हिसाब से ही नहीं इस्लाम के अनुसार भी निर्दोषों को मारना हराम है। उन्होंने कहा कि मैंने अपने भाषणों में यही कहा है कि युद्ध के द्वौरान कमांडर के आदेश पर सुसाइड अटैक करना जायज है। जाकिर नाईक ने कहा, मैं शांति का दूत हूं। दुनिया में किसी भी जगह हो रही आतंकी हमलों की निंदा करता हूं। डॉ. नाईक ने जानकारी दी कि उन्होंने तमाम मीडिया द्वारा उठाए गए सवालों के आधार पर 30 सवालों के जवाब उन्होंने एक पेन ड्राइव के माध्यम से दे दिए हैं। जिसे मीडियाकर्मियों को बांटा जाएगा। उन्होंने कहा, ये सवाल तमाम मीडिया चैनल पर मेरे खिलाफ उठे सवालों के आधार पर है। प्रेस कांफ्रेंस के दौरान जब एक पत्रकार ने डॉ. नाईक से पूछा कि आप इस्लाम के इतने बड़े प्रचारक हैं तो आपको पता होगा कि भारत में मुस्लिमों की स्थिति क्या है। एजुकेशन रेट क्या है, स्कूलों में ड्रॉप आउट कितना है या देश के बड़े ओहदों पर कितने मुस्लिम हैं।
इस सवाल के जवाब पर पत्रकार वार्ता के ऑर्गनाइजर भड़क गए और इसे गैरजरूरी सवाल बताया। इस पर जवाब देते हुए डॉ. नाईक ने भी कहा कि अगर आपसे ये सवाल पूछने से मना किया तो आपको नहीं पूछना चाहिए। वैसे उन्होंने इसकी जानकारी होने से इनकार कर दिया। डॉ. नाईक से जब ये सवाल पूछा गया कि आपके पीस टीवी को प्रतिबंधित क्यों किया गया है, तो उन्होंने कहा कि हमने 2008 में टेलिकास्ट राइट के लिए आवेदन किया तो उन्होंने इनकार कर दिया। इसके बाद हमने फिर आवेदन किया, तो बिना पूरी जानकारी के एक बार फिर टेलिकास्ट राइट हमें नहीं दिए गए। जबकि दुनियाभर के तमाम देश ऐसे हैं जहां सरकार से मंजूरी नहीं लेनी पड़ती, ऐसे देशों में ये चैनल अच्छे से चल रहा है। मीडिया को जाकर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से इस बारे में सवाल करना चाहिए न कि मुझसे। डॉ. नाईक ने कहा कि मैं किसी भी तरह के जांच के लिए तैयार हूं। पर अभी तक न तो पुलिस ने न ही किसी जांच अधिकारी ने मुझसे या मेरे ऑफिस से संपर्क किया है। अगर ऐसी जरूरत पड़ेगी तो मैं जांच में सहयोग करूंगा।