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मुंबई: महाराष्ट्र की सियासत में फिर से बदलाव हुआ है। एक और सांसद ने उद्धव ठाकरे की पार्टी का साथ छोड़ दिया है। गजानन कीर्तिकर ने उद्धव ठाकरे का समर्थन छोड़कर आधिकारिक तौर पर 'बालासाहेब की शिवसेना' पार्टी का सदस्य बनने का फैसला किया है। शुक्रवार को मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और कीर्तिकर एक साथ एक ही कार में पहुंचे। कीर्तिकर ठाकरे गुट को छोड़कर पाला बदलने वाले 13वें सांसद हैं।

कीर्तिकर का आंदोलन पिछले तीन महीने से चल रहा था। अंत में उन्होंने मुंबई के रवींद्र नाट्य मंदिर में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की उपस्थिति में सार्वजनिक रूप से पार्टी की सदस्यता ली। गजानन कीर्तिकर के एकनाथ शिंदे की पार्टी को समर्थन करने से उनके साथ लोकसभा सांसदों की संख्या 13 हो गई है, जबकि 3 राज्यसभा सांसदों के साथ उद्धव ठाकरे के पास अब 9 सांसद रह गए हैं।

बता दें कि गजानन कीर्तिकर मुंबई उत्तर पश्चिम सीट से शिवसेना के सांसद हैं। 1995 में वह बीजेपी-शिवसेना गठबंधन सरकार में गृह राज्यमंत्री भी थे।

79 साल के गजानन कीर्तिकर पिछले दिनों जब बीमार थे, तब मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे उन्हें देखने उनके घर भी गए थे।

एकनाथ शिंदे इसी साल जून में बीजेपी के समर्थन से उद्धव ठाकरे को सत्ता से बेदखल करके मुख्यमंत्री बने थे। उनके पास अभी 56 विधायकों में 40 का समर्थन है।

सीएम बनने के बाद एकनाथ शिंदे ने सीधे शिवसेना पर ही अपना दावा ठोंका था। जिसके बाद मामला चुनाव आयोग पहुंच गया था। लंबी लड़ाई के बाद उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे गुट को आयोग ने अलग-अलग नाम और चुनाव चिन्ह अलॉट किया। ठाकरे गुट को 'उद्धव बालासाहेब ठाकरे' गुट नाम दिया गया है। जबकि एकनाथ शिंदे के गुट को 'बालासाहेब की शिवसेना' कहा गया है।

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