मुंबई: शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने शनिवार को एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार को टाटा-एयरबस परियोजना के गुजरात जाने पर पर निशाना साधा और दावा किया कि महाविकास अघाड़ी (एमवीए) ने मौजूदा सरकार की तुलना में केंद्र के साथ "पूरी तरह से अच्छा काम किया" था। एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए आदित्य ठाकरे ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की आलोचना की और कहा कि महाराष्ट्र उनकी "विश्वासघात" और "राक्षसी महत्वाकांक्षा" के कारण पीछे की ओर जा रहा है।
महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री ने कहा, "जब हम एमवीए सरकार के समय में डबल इंजन की सरकार के बारे में बात करते हैं तो केंद्र के साथ हमारे डबल इंजन ने पूरी तरह से अच्छा काम किया।" भाजपा केंद्र और राज्य में पार्टी या उसके सहयोगी की सरकार के लिए "डबल इंजन सरकार" शब्द का उपयोग करती है।
आदित्य ठाकरे ने कहा, "इस असंवैधानिक सरकार के सत्ता में आने के बाद से एक इंजन फेल हो गया है और जो भी निवेश महाराष्ट्र में आना था वह दूसरे राज्यों में जा रहा है।"
उन्होंने आगे कहा कि सुभाष देसाई ने 2014-2022 तक राज्य के उद्योग मंत्री के रूप में कार्य किया। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान 6.6 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया। ठाकरे ने कहा, "जब हम दावोस गए तो मैं, देसाई और नितिन राउत 80,000 करोड़ रुपये का निवेश लाए।"
ठाकरे ने सवाल किया, "महत्वपूर्ण पहलू यह है कि यह वही केंद्र सरकार थी। इसलिए अगर एमवीए सरकार और केंद्र काम कर सकते हैं और महाराष्ट्र में निवेश ला सकते हैं तो उनका इंजन क्यों विफल हो गया?"
यूरोपीय विमानन फर्म एयरबस और टाटा समूह के एक संघ ने गुजरात में वडोदरा को सैन्य विमान बनाने के लिए 22,000 करोड़ रुपये की परियोजना के लिए चुना है। इसके बाद विपक्ष राज्य सरकार पर जमकर हमलावर है। आदित्य ठाकरे ने दावा किया है कि यह चौथी बड़ी परियोजना थी, जिसके लिए महाराष्ट्र की जगह अन्य राज्यों को चुना गया।
उन्होंने कहा कि वेदांता-फॉक्सकॉन सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट, मेडिकल डिवाइस पार्क, बल्क ड्रग्स पार्क और टाटा-एयरबस परियोजनाओं की योजना महाराष्ट्र में बनाई गई थी, लेकिन अब इसके लिए अन्य राज्यों को चुना गया है।