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मुंबई: एक समय महाराष्‍ट्र और केंद्र में सत्ता में 'सहयोगी' रहीं भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना के बीच कड़वाहट बढ़ती जा रही है। केंद्रीय मंत्री नारायण राणे की ओर से महाराष्‍ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे के खिलाफ टिप्‍पणी को लेकर दोनों पार्टियों के कार्यकर्ता मंगलवार को मुंबई में एक-दूसरे से भिड़ गए। गौरतलब है कि शिवसेना कार्यकर्ताओं ने इस मामले में केंद्रीय मंत्री राणे के खिलाफ केस दर्ज कराया है। गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने दावा किया था कि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अपने संबोधन में ठाकरे यह भूल गए कि देश की आजादी को कितने साल हुए हैं। बाद में इसी संदर्भ में उन्‍होंने उद्धव ठाकरे के खिलाफ विवादित बयान दिया था।

राणे ने रायगढ़ जिले में सोमवार को 'जन आशीर्वाद यात्रा' के दौरान कहा, ‘‘यह शर्मनाक है कि मुख्यमंत्री को यह नहीं पता कि आजादी को कितने साल हुए हैं। भाषण के दौरान वह पीछे मुड़ कर इस बारे में पूछताछ करते नजर आए थे। अगर मैं वहां होता तो उन्हें एक जोरदार थप्पड़ मारता।'' खास बात यह है कि राणे खुद एक समय शिवसेना में रह चुके हैं।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रह चुके राणे पहले शिवसेना में थे, बाद में वे कांग्रेस में आ गये और फिर, 2019 में वह भाजपा में शामिल हो गए थे। इसके बाद महाराष्‍ट्र की सियासत गर्मा गई थी।

भाजपा-शिवसेना कार्यकर्ता भिड़े

राणे के इस बयान की शिवसेना ने कड़ी निंदा की थी। पार्टी कार्यकर्ताओं ने मुंबई और कई अन्य स्थानों पर पोस्टर लगाए थे, जिसमें राणे को 'कोम्बडी चोर' (चिकन चोर) बताया गया है। करीब पांच दशक पहले चेंबूर में राणे 'पॉल्ट्री' की दुकान चलाते थे। मामले में नासिक पुलिस, नासिक साइबर और पुणे पुलिस में नारायण राणे के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इससे पहले मुम्बई में हुए दो दिन की तिरंगा यात्रा में उनके खिलाफ कुल 36 एफआईआर दर्ज की गई हैं। पहले दिन 19 एफआईआर और दूसरे दिन 17 एफआईआर दर्ज की गई थीं।

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