ठाणे: मुंबई के पूर्व पुलिस कप्तान परमबीर सिंह व 27 अन्य द्वारा कथित फिरौती वसूली के मामले में महाराष्ट्र की ठाणे पुलिस ने जांच का फैसला किया है। इसके लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है।
दरअसल महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ परमबीर सिंह ने अवैध वसूली के आरोप लगाए थे। इसके बाद परमबीर सिंह व महाराष्ट्र सरकार के बीच एक तरह की जंग छिड़ गई है। देशमुख को कुर्सी गंवानी पड़ी तो परमबीर सिंह को मुंबई पुलिस की कप्तानी।
आईपीएस परमबीर सिंह व अन्य के खिलाफ बिल्डर केतन तन्ना ने पिछले सप्ताह ठाणे नगर पुलिस स्टेशन में केस दर्ज कराया है। इस केस में अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। एफआईआर में परमबीर सिंह के अलावा डीसीपी दीपक देवराज, सहायक आयुक्त प्रदीप शर्मा, इंस्पेक्टर राजकुमार कोथमिरे, जेल में बंद गैंगस्टर रवि पुजारी व ठाणे के एक पत्रकार के नाम हैं।
बिल्डर तन्ना ने यह आरोप लगाया
एफआईआर में बिल्डर तन्ना ने आरोप लगाया है कि परमबीर सिंह जब ठाणे के पुलिस आयुक्त थे, तब जनवरी 2018 से फरवरी 2019 के बीच आरोपियों ने उन्हें एंटी एक्सटॉर्शन सेल में तलब कर गंभीर आपराधिक मामलों में फंसाने को लेकर धमकाया और उनसे 1.25 करोड़ रुपये ऐंठ लिए। इस मामले के अलावा महाराष्ट्र सीआईडी सट्टे के बुकी सोनू जालान द्वारा सिंह के खिलाफ लगाए गए कथित फिरौती के आरोपों की जांच की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि परमबीर सिंह को इस साल मार्च में मुंबई पुलिस के प्रमुख के पद से हटा दिया गया था। देश के शीर्ष उद्योगपति मुकेश अंबानी के मुंबई स्थित आवास के बाहर एक एसयूवी में विस्फोटक मिलने के बाद यह कार्रवाई की गई थी। इसके बाद उठे विवाद के दौरान परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के तत्कालीन गृहमंत्री देशमुख पर अवैध वसूली कराने के आरोप लगाए थे। इसके बाद देशमुख को इस्तीफा देना पड़ा था। इस मामले की जांच जारी है।