मुंबई: भारतीय जनता पार्टी की सहयोगी शिवसेना ने मौजूदा आर्थिक मंदी पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का समर्थन किया है, जिन्होंने हाल ही में कहा था कि मोदी सरकार के मिसमैनेजमेंट की वजह से ही अर्थव्यवस्था की स्थिति खराब है। शिवसेना ने केंद्र सरकार से कहा कि मनमोहन सिंह की बात सुनना देशहित में है। शिवसेना की ओर से पूर्व प्रधानमंत्री और अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह का समर्थन ऐसे वक्त में आया है, जब केंद्र सरकार ने अर्थव्यवस्था पर मनमोहन सिंह की आलोचना को खारिज कर दिया है। शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में एक संपादकीय में सरकार को पूर्व पीएम की चेतावनी पर ध्यान देने और इस मुद्दे पर राजनीति नहीं करने के लिए कहा है।
बता दें कि पिछले सप्ताह पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने अर्थव्यवस्था पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा था कि आज अर्थव्यवस्था की हालत बहुत चिंताजनक है। पिछली तिमाही में विकास दर 5 फीसदी यह बताता है कि अर्थव्यवस्था में स्लोडाउन चल रहा है। भारत में बहुत तेज गति से बढ़ने की क्षमता है लेकिन मोदी सरकार के कुप्रबंधन का ही यह मंदी का परिणाम है।
उन्होंने आगे कहा कि नोटबंदी और जीएसटी जैसे ब्लंडर की वजह से हमारी इकॉनमी को जो नुकसान हुआ है, उससे हम अभी उबर नहीं पाए हैं। हालांकि, सरकार ने मंगलवार को मनमोहन सिंह की आलोचना को खारिज करते हुए कहा कि यह उनके विश्लेषण की इत्तेफाक नहीं रखता क्योंकि अब भारत उनके समय के दौरान 11वीं से दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है।
सामना के संपादकीय में कहा गया है कि 'अर्थव्यवस्था सुस्त है। कश्मीर और आर्थिक मंदी दो अलग-अलग मुद्दे हैं। मनमोहन सिंह जैसे विद्वान व्यक्ति को आर्थिक मंदी को लेकर कोई राजनीति नहीं करनी चाहिए और अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए विशेषज्ञों की भूमिका होनी चाहिए। मनमोहन सिंह की सलाह का सुनना राष्ट्रीय हित का मसला है यानी इसमें राष्ट्रहित निहित है'। आगे शिवसेना ने कहा कि मनमोहन सिंह के पास अर्थव्यवस्था के बारे में बोलने का "अधिकार" है क्योंकि वह 35 वर्षों से भारतीय वित्त और अर्थव्यवस्था से जुड़े हैं।