मुंबई: मालेगांव हमले की मुख्य आरोपी और भोपाल से भारतीय जनता पार्टी की सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर शुक्रवार को मुंबई की विशेष एनआईए कोर्ट के सामने पेश हुईं। सांसद बनने के बाद आज पहली बार प्रज्ञा ठाकुर एनआईए कोर्ट के सामने पेश हुईं हैं। इससे पहले वो अक्तूबर 2018 में आरोप तय होने के दौरान अदालत में हाजिर हुई थीं। हालांकि उन्हें गुरुवार को ही कोर्ट के सामने पेश होना था, लेकिन बीमार होने के कारण वो नहीं जा पाई थीं।
बता दें कि इससे पहले भी उन्हें मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट में हाजिर होने का आदेश मिला था, लेकिन उन्होंने अपने स्वास्थ्य का हवाला देते हुए कार्यवाही में मौजूद होने में खुद को असमर्थ बताया था। इसके बाद तीन जून को मुंबई की विशेष अदालत ने प्रज्ञा समेत मालेगांव धमाके के सभी आरोपियों को हफ्ते में कम से कम एक बार अदालत में पेश होने के आदेश दिए थे। इस पर साध्वी प्रज्ञा ने अपनी बीमारी और संसद में औपचारिकताएं पूरी करने का हवाला देकर पेशी से छूट दिए जाने के लिए कहा था लेकिन जज ने इससे इनकार कर दिया था। अदालत ने कहा था कि इस मामले में उनकी उपस्थिति आवश्यक है
। मालूम हो कि अप्रैल 2017 में साध्वी प्रज्ञा को 9 साल कैद में रहने के बाद सशर्त जमानत दी गई थी। स्वास्थ्य कारणों से जमानत पर जेल से बाहर आने के बाद आज पहली बार साध्वी प्रज्ञा कोर्ट के सामने पेश हुई हैं।
क्या है मालेगांव मामला?
मालेगांव धमाका करीब 11 साल पुराना मामला है। 29 सितंबर, 2008 को उत्तरी महाराष्ट्र के मालेगांव की मस्जिद के सामने खड़ी एक मोटरसाईकिल में मौजूद विस्फोटकों के कारण बड़ा बम धमाका हुआ था। इस धमाके में छह लोगों की मौत हो गई थी, और लगभग 100 लोग घायल हुए थे। पुलिस के मुताबिक जिस गाड़ी में विस्फोटक रखे हुए थे, वो प्रज्ञा ठाकुर के नाम से रजिस्टरर्ड है। यहीं से इस धमाके में साध्वी का नाम आया। हालांकि 2017 में मुंबई हाई कोर्ट ने उनकी जमानत मंजूर कर ली थी। अभी इस मामले की जांच मुंबई की विशेष एनआईए कोर्ट के हाथ में है।