मुंबई: शिवसेना ने लोकसभा चुनाव में राजग को बहुमत मिलने के बाद विपक्ष पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री मोदी की उपलब्धियां गिनाई। शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के सम्पादकीय में कहा कि विपक्ष ने बेरोजारी, किसान संकट के मुद्दे उठाए और लोगों ने उसका समाधान करने के लिए मोदी को चुना। संपादकीय में दावा किया गया, ‘‘ लोगों को लगा कि कांग्रेस को 60 साल मिले तो मोदी को पांच साल और क्यों ना दिए जाएं।’’ उसने कहा कि पश्चिम बंगाल में ‘‘हिंदूत्व’’ की जीत हुई और मोदी के खिलाफ नकारात्मकता फैलाने वाली पार्टियों को लोगों ने दरवाजा दिखाया।
शिवसेना ने दावा किया कि विपक्षी खेमा काफी तनाव में है क्योंकि उनके पास मोदी के कद से मेल खाने वाला कोई नेता नहीं है। संपादकीय में कहा गया कि महाराष्ट्र में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक चव्हाण और सुशील कुमार शिंदे और शरद पवार के पोते पार्थ पवार को हार का मुंह देखना पड़ा। राकांपा की केवल सुप्रिया सुले ही जीत का स्वाद चख पाईं। उसने कहा कि शिवसेना ने भी कई महत्वपूर्ण सीटें खोईं लेकिन कुछ नए चेहरों को जीत भी मिली। समाचार पत्र ने कहा कि लोगों ने ‘‘चौकीदार’’ में अपना भरोसा जताया, जिसे कांग्रेस ने ‘‘चोर’’ बताया था।
उसने कहा कि मोदी की लोकप्रियता 2014 से काफी बढ़ रही है और विपक्ष को इसकी भनक भी नहीं लगी। ना कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और ना ही बसपा-सपा गठबंधन, भाजपा को उत्तरप्रदेश में कोई नुकसान पहुंचा पाया।