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मुंबई: बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) चुनाव के नतीजों के सामने आने के बाद मुंबई में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के घर शुक्रवार को पार्टी नेताओं की बैठक हुई। सूत्रों के अनुसार, आज की बैठक में बीएमसी में बहुमत जुटाने पर चर्चा हुई। बीजेपी के साथ गठबंधन या समर्थन के बिना ही बीएमसी में सरकार पर बनाने पर विचार किया गया। पार्टी सूत्रों के अनुसार, उद्धव ने अब शनिवार को पार्टी नेताओं की बैठक फिर बुलाई है और बहुमत जुटाने को लेकर इसमें चर्चा की जा सकती है। उधर, अपने गढ़ मुंबई के बीएमसी चुनाव में 82 सीटें जीतने वाली भाजपा की बढ़त से बेफिक्र शिवसेना ने शुक्रवार को जोर देकर कहा कि नगर निकाय का मेयर उनकी पार्टी का ही बनेगा। इसके साथ ही सेना ने अब पराये हो चुके अपने पुराने सहयोगी भाजपा पर छल से उन्हें अस्थिर करने का भी आरोप लगाया। शिवसेना ने देश की सबसे रईस नगर निकाय के लिये भाजपा से गठबंधन नहीं करने की संकेत दिए हैं। सेना ने कहा कि भगवा पार्टी से उसकी लड़ाई जारी रहेगी और वह कठिन रास्ते पर चलती रहेगी, चाहे इसका परिणाम कुछ भी हो। दरअसल, बीएमसी चुनाव में शिवसेना के खाते में 84 सीटें आईं और भाजपा ने 82 सीटें जीतीं। लेकिन दोनों ही 114 के जादुई आंकड़े को छूने में असफल रहे। मुंबई में खंडित जनादेश के बाद अब राजनीतिक गणना के बदलने की उम्‍मीद है क्योंकि कोई भी दल अपने बूते देश के सबसे धनी नगर निकाय पर शासन करने की स्थिति में नहीं है।

सवाल यह बना हुआ है कि केंद्र एवं महाराष्ट्र दोनों ही जगह सत्ता साझा करने वाले ये दोनों दल मौजूदा हालात में हाथ मिलाएंगे या नए गठजोड़ सामने आएंगे। बैठक से पहले आज शिवसेना नेता विनोद घोसालकर ने कहा कि मुंबई का मेयर शिवसेना का ही बनेगा। वहीं, शिवसेना नेता मनीषा कायंदे ने कहा कि मेयर शिवसेना का होगा और इस पर आखिरी फैसला उद्धव ठाकरे करेंगे। और पढ़ें:- महाराष्ट्र निकाय चुनाव : मुंबई में बहुमत से दूर शिव सेना बनी सबसे बड़ी पार्टी, अन्य जगहों पर भी BJP का प्रदर्शन शानदार उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र नगर निकाय चुनाव में भाजपा को शानदार जीत मिली है और वह 10 में से आठ नगर निगमों की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। हालांकि भाजपा अपनी कलहप्रिय सहयोगी पार्टी शिवसेना से पीछे रह गयी। शिवसेना को अपने गढ़ मुंबई के नगर निकाय चुनाव में कुल 84 सीटें मिली हैं। निकाय चुनाव परिणाम के एक दिन बाद सेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में दावा किया कि भाजपा ने इस चुनाव में राज्य की पूरी मशीनरी का इस्तेमाल किया। इसमें कहा गया कि बृहन्नमुंबई नगर पालिका और अन्य स्थानीय निकाय चुनाव में अभूतपूर्व परिणाम हासिल करने के लिए केन्द्रीय नेतृत्व ने अपनी पूरी ताकत लगा दी। इसमें दावा किया गया, सेना पिछले 25 वर्षों से बीएमसी में सत्तारूढ़ है। भाजपा ने हमारे शासन को अस्थिर करने के लिए छल का सहारा लिया। इससे पहले कांग्रेस के राज में ऐसा कभी नहीं हुआ। सेना ने दावा किया, बीएमसी चुनाव में भाजपा ने पूरी ताकत झोंक दी, लेकिन उसके बावजूद उसे केवल 82 सीटें मिलीं। बीएमसी का मेयर शिवसेना से ही होगा। बीएससी के परिणाम कल घोषित हुये थे, जिसमें शिवसेना को 84, जबकि भाजपा को 82 सीटें मिली थीं। कांग्रेस केवल 31 सीटें जीतकर तीसरे नंबर पर रही, जबकि राकांपा और राज ठाकरे की मनसे को क्रमश: नौ और सात सीटें हासिल हुई। शिवसेना ने आज कहा कि वह अग्निपथ पर चलती रहेगी और परिणाम की चिंता किये बगैर अपनी लड़ाई जारी रखेगी। दूसरी ओर, बीएमसी चुनावों में किसी के स्पष्ट विजेता नहीं होने के बाद एक बार फिर भाजपा और शिवसेना के बीच गठबंधन की संभावना को लेकर भी कयासबाजी तेज हो गई है।

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