बीकानेर: राजस्थान की कला एवं संस्कृति और रेगिस्तानी जहाज की उपयोगिता को उजागर करने तथा इस बहु उपयोगी पशु के संरक्षण एवं संवद्र्घन के प्रति आम लोगों में चेतना जागृत करने के लिए दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय ऊंट उत्सव का शुभारम्भ कल शोभायात्रा से होगा। पर्यटन विभाग के सहायक निदेशक अजय शर्मा ने बताया कि शोभायात्रा ऐतिहासिक जूनागढ़ किले से रवाना होगी, जो विभिन्न मार्गों से गुजरते हुए सार्दूल क्लब मैदान पहुंचेगी। वहां दो दिवसीय महोत्सव के तहत अनेक कार्यक्रम आयोजित होंगे। शोभायात्रा में सजे धजे ऊंट, भंगड़ा, गिद्दा दल, गरबा रास एवं कालबेलिया पार्टी शामिल होंगी। राजस्थानी वेशभूषा में बालिकाएं एवं रणबांकुरे शोभायात्रा की शोभा बढ़ाएंगे।
इनके अलावा ऊंट की उपयोगिता को भी शोभायात्रा में दर्शाया जाएगा। उन्होंने बताया कि ऊंट उत्सव में भाग लेने के लिए 17 दिसम्बर को बीकानेर पहुंची जापान की हेयर ड्रेसर मैगोमी टाकेइची ने पर्यटन स्वागत केंद्र में ओम प्रकाश बारूपाल के ऊंट की पीठ के बाल काटकर कलात्मक वस्तुओं एवं जन जीवन को उस पर उकेरा। मैगोमी ने बताया कि वह लगातार तीसरी बार ऊंट उत्सव के मौके पर बीकानेर आई है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने ऊंट को राज्य पशु का दर्जा देकर इसकी गरिमा एवं उपयोगिता को और अधिक बढ़ा दिया है। शर्मा के अनुसार पर्यटक सांस्कृतिक कार्यक्रमों में राजस्थानी कला एवं संस्कृति के साथ साथ देश के विभिन्न इलाकों के सांस्कृतिक वैभव से भी रू ब रू हो सकेंगे। इस बार पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, गुजरात एवं जम्मू सहित देश के विभिन्न इलाकों के कलाकार भी अपने-अपने क्षेत्र की लोक संस्कृति से जुड़े कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे। इन कलाकारों को उ}ार क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र पटियाला, उतर पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र इलाहाबाद एवं पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र उदयपुर के सहयोग से आमंत्रित किया गया है।