जयपुर: पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष और वायनाड सांसद राहुल गांधी ने मंगलवार को जयपुर में 'युवा आक्रोश रैली' को संबोधित किया। यहां के रामनिवास बाग में आयोजित रैली में राहुल ने आर्थिक संकट और बेरोजगारी के मुद्दे को लेकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा। रैली को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो करोड़ नौकरियों का वादा किया था, लेकिन पिछले साल एक करोड़ युवाओं ने अपनी नौकरियों को खो दिया। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री जहां भी जाते हैं सीएए, एनआरसी की बात करते हैं लेकिन बेरोजगारी का सबसे बड़ा मुद्दा है, पर पीएम इस पर एक शब्द भी नहीं बोलते हैं।
राहुल गांधी ने युवाओं को देश की सबसे बड़ी पूंजी बताते हुए कहा कि 21वीं सदी का हिंदुस्तान अपनी इस पूंजी को बर्बाद कर रहा है क्योंकि युवा पीढ़ी इस देश के लिए जो कर सकती है वह उसे करने नहीं दिया जा रहा है। राहुल गांधी ने कहा, ‘देश के हालात इस देश का हर युवा जानता है और पहचानता है। हर देश के पास कोई न कोई पूंजी होती है हिंदुस्तान के पास उसकी सबसे बड़ी पूंजी उसके करोड़ों युवा हैं। हमारे पास दुनिया के सबसे अच्छे होशियार युवा हैं। पूरी दुनिया इस बात को मानती है कि हिंदुस्तान का युवा पूरी दुनिया को बदल सकता है।’
राहुल ने कहा कि आज भी एक आठ वर्षीय बच्चे से पूछें, क्या नोटबंदी से आपको लाभ हुआ या आपको नुकसान हुआ? बच्चे कहेंगे नुकसान। उन्होंने कहा कि पहले हम चीन के साथ प्रतिस्पर्धा कर रहे थे, लेकिन अब दुख की बात है कि चीन ने हमें बहुत पीछे छोड़ दिया है। पूरी दुनिया को पता है कि अगर कोई है जो चीन को टक्कर दे सकता है, तो यह भारत का युवा है।
राहुल ने कहा कि दुनिया में भारत की प्रतिष्ठा और छवि यह थी कि यह भाईचारे, प्रेम और एकता का देश है, जबकि पाकिस्तान नफरत और विभाजन के लिए जाना जाता था। लेकिन भारत की इस छवि को नरेंद्र मोदी ने नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि आज, भारत को दुनिया का 'रेप कैपिटल' माना जाता है।
बेरोजगारी के मुद्दे पर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि 21वीं सदी का हिंदुस्तान अपनी पूंजी को जाया कर रहा है, बर्बाद कर रहा है। आप जो इस देश के लिए करना चाहते हैं और कर सकते हैं उसे आपकी सरकार और हमारे प्रधानमंत्री होने नहीं दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के समय देश की जीडीपी की वृद्धि दर नौ प्रतिशत थी जो अब नये मानकों के हिसाब से भी घटकर पांच प्रतिशत रह गई।
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि एनआरसी की बात होगी, सीएए, एनपीआर की बात होगी। लेकिन देश के सामने जो सबसे बड़ी समस्या है जो इस देश के हर परिवार को चुभती है उसके बारे में हमारे प्रधानमंत्री एक शब्द नहीं बोलते हैं।