जयपुर: अदालतों में अक्सर जजों के लिए उनके संबोधन में माई लॉर्ड और योर लॉर्डशिप जैसे शब्दों का इस्तेमाल होता है। मगर राजस्थान राजस्थान हाईकोर्ट ने अदालतों में न्यायाधीशों (जजों) के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले 'माई लॉर्ड' और 'योर लॉर्डशिप' जैसे संबोधनों पर रोक लगाने की सलाह दी है। राजस्थान हाईकोर्ट ने एक नोटिस जारी किया है और कहा है कि कोर्ट के सामने पेश होने वाले लोगों को माई लॉर्ड और योर लॉर्डशिप जैसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। मीडिया रिर्पोटस के मुताबिक, राजस्थान हाईकोर्ट ने एक नोटिस जारी किया है।
इस नोटिस में हाईकोर्ट ने संविधान द्वारा दिए गए समानता के अधिकार का हवाला देत हुए कहा है कि वकीलों और कोर्ट के सामने पेश होने वाले लोगों को ऐसे संबोधनों का इस्तेमाल बंद कर देना चाहिए। दरअसल, सोमवार को जारी नोटिस में राजस्थान हाई कोर्ट ने कहा कि संविधान में वर्णित समानता के अधिकार का सम्मान करते हुए कोर्ट वकीलों और अदालत के सामने पेश होने वाले लोगों से यह आग्रह करती है कि वे माननीय न्यायाधीशों को 'माई लॉर्ड' और 'योर लॉर्डशिप' जैसे संबोधनों से संबोधित करना बंद कर दें।
बता दें कि 14 जुलाई को हुई मीटिंग में सर्वसम्मति से यह फैसला लिया गया।