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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को मनी लॉन्ड्रिंग जांच के दौरान जब्त किए गए दस्तावेजों के मामले में प्रवर्तन निदेशालय को फटकार लगाई। सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने प्रवर्तन निदेशालय से पूछा क्या एजेंसी द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग जांच के दौरान जब्त किए गए दस्तावेजों को आरोपी को देने से इनकार करना उनके जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन नहीं है?

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दस्तावेजों की आपूर्ति से संबंधित अपील पर सुनवाई के दौरान प्री-ट्रायल चरण में पीएमएलए का जिक्र हुआ। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, झारखंड के उनके समकक्ष हेमंत सोरेन, आप नेता मनीष सिसोदिया और बीआरएस नेता के कविता सहित शीर्ष राजनेताओं को इस कानून के तहत गिरफ्तार किए जाने के बाद कई हाई-प्रोफाइल मामलों में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) सुर्खियों में आ गया है।

बार एंड बेंच अनुसार, मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने पूछा कि क्या आरोपी को सिर्फ तकनीकी आधार पर दस्तावेज देने से मना किया जा सकता है? जस्टिस अमानुल्लाह ने पूछा कि सब कुछ पारदर्शी क्यों नहीं हो सकता?

नई दिल्ली: देश भर में चल रहे बुलडोजर एक्शन का मामला सोमवार (2 सितंबर 2024) को सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। उदयपुर में चाकू मारने के आरोपी बच्चे के पिता के घर पर बुलडोजर चलने के मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी टिप्पणी की। सुनवाई के दौरान सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि म्युनिसिपल नियमों के मुताबिक नोटिस देकर ही अवैध निर्माण को ढहाया जा सकता है। किसी के किसी अपराध में आरोपी होने के चलते नहीं। इस पर कोर्ट ने कहा कि इस बारे में कुछ दिशानिर्देश तय करने की ज़रूरत है, जिसका सभी राज्य पालन करें।

17 सितंबर को होगी मामले में अगली सुनवाई

यूपी सरकार की तरफ से पेश हुए तुषार मेहता ने कहा कि ज्यादातर मामलों में अवैध निर्माण के खिलाफ नोटिस पहले ही दिया गया था। इस पर कोर्ट ने कहा कि हम भी अवैध निर्माण को बचाने के पक्ष में नहीं हैं, लेकिन किसी लड़के की गलती के चलते उसके पिता का घर गिरा देना सही नहीं हो सकता। इसके बाद मेहता ने कहा कि हम भी सभी पक्षों से बात कर समाधान की कोशिश करेंगे।

नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रविवार को अदालतों में तारीख पर तारीख की संस्कृति को बदलने और त्वरित न्याय सुनिश्चित करने के लिए प्रयास करने की आवश्यकता पर जोर दिया। वे भारत मंडपम में आयोजित दो दिवसीय जिला न्यायापालिका राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन समारोह को संबोधित कर रही थीं। इस मौके पर राष्ट्रपति ने सुप्रीम कोर्ट के लिए नए झंडे और प्रतीक चिह्न का भी अनावरण किया।

न्याय की रक्षा, न्यायाधीशों की जिम्मेदारी: राष्ट्रपति

सुप्रीम कोर्ट की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर राष्ट्रपति ने कहा कि अदालतों में मामले लंबित होना हम सभी के लिए एक बड़ी चुनौती है और इसके समाधान के लिए हरसंभव प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि देश के सभी न्यायाधीशों की जिम्मेदारी है कि वे न्याय की रक्षा करें। उन्होंने अदालती माहौल में आम लोगों का तनाव का स्तर बढ़ जाता है, जिसे उन्होंने ब्लैक कोर्ट सिंड्रोम नाम दिया। उन्होंने इस विषय पर अध्ययन का भी सुझाव दिया। उन्होंने महिला न्यायिक अधिकारियों की संख्या में बढ़ोतरी पर भी प्रसन्नता जताई।

नई दिल्ली: महाराष्ट्र के धुले एक्सप्रेस ट्रेन में गोमांस के शक में 72 साल के शख्स की पिटाई का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद पुलिस ने वीडियो में दिख रहे आरोपियों में से 3 को गिरफ्तार कर लिया। अब इस मामले को लेकर राजनीति भी गरमा गई है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने उस बुजुर्ग का तस्वीर शेयर करते हुए बीजेपी सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने बीजेपी पर नफरत और खुलेआम हिंसा फैलाने का भी आरोप लगाया।

सरकारी तंत्र मूक दर्शक बना देख रहा है: राहुल

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा, नफरत को राजनीतिक हथियार बनाकर सत्ता की सीढ़ी चढ़ने वाले देश भर में लगातार भय का राज स्थापित कर रहे हैं। भीड़ की शक्ल में छिपे हुए नफरती तत्व कानून के राज को चुनौती देते हुए खुलेआम हिंसा फैला रहे हैं। बीजेपी सरकार से इन उपद्रवियों को खुली छूट मिली हुई है, इसीलिए उनमें ऐसा कर पाने का साहस पैदा हो गया है। अल्पसंख्यकों, खास कर मुसलमानों पर लगातार हमले जारी हैं और सरकारी तंत्र मूक दर्शक बना देख रहा है।"

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