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नई दिल्ली: बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा भाजपा सांसद सनी देओल के जुहू स्थित बंगले की ई-नीलामी को रोक दिया गया है। अब इस पर विवाद गहराता जा रहा है। कांग्रेस ने नीलामी नोटिस वापस लेने पर पूछा कि इसे वापस लेने के लिए 'तकनीकी कारणों' को किसने उकसाया है।

गौरतलब है, सनी देओल के मुंबई के जुहू स्थित आलीशान बंगले को बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा 56 करोड़ रुपये का लोन वसूलने के लिए नीलाम किया जाना था। हालांकि, सोमवार सुबह यानी आज बैंक ऑफ बड़ौदा ने एक नोटिस जारी किया, जिसमें बताया कि अजय सिंह देओल उर्फ सनी देओल के जहू बंगले के बेचने के नोटिस को तकनीकी कारणों से वापस ले लिया है। जिसका मतलब अब बंगले की नीलामी नहीं होगी।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि कल दोपहर को देश को पता चला कि बैंक ऑफ बड़ौदा ने भाजपा सांसद सनी देओल के जुहू स्थित आवास को ई-नीलामी के लिए रखा है क्योंकि उन्होंने 56 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया।

उन्होंने कहा कि 24 घंटे भी नहीं हुए हैं और देश को पता चल रहा है कि बैंक ऑफ बड़ौदा ने तकनीकी कारणों से नीलामी नोटिस वापस ले लिया है। उन्होंने कहा कि यह आश्चर्य है कि इन 'तकनीकी कारणों' को किसने ट्रिगर किया?

फिल्म और बंगले के लिए चर्चा में

बैंक ऑफ बड़ौदा ने 25 अगस्त को होने वाली ई-नीलामी के माध्यम से 56 करोड़ रुपये की वसूली के लिए अभिनेता के स्वामित्व वाली संपत्ति को ब्लॉक कर दिया था। गुरदासपुर के सांसद और बॉलीवुड अभिनेता की हाल ही में रिलीज हुई फिल्म गदर- 2 बॉक्स ऑफिस पर सफल रही है। पिछले हफ्ते रिलीज होने के बाद से 300 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई कर चुकी है।

बैंक ऑफ बड़ौदा ने रविवार को घोषणा की थी कि वह अभिनेता को दिए गए कर्ज की वसूली के लिए जुहू में स्थित देओल के विला की नीलामी करेगा। बैंक के अनुसार, ब्याज सहित कर्ज राशि 56 करोड़ रुपये है। हालांकि, मीडिया रिपोर्टों में सोमवार को कहा गया कि बंगले के लिए नीलामी नोटिस वापस ले लिया गया है। बता दें, अभिनेता को आधिकारिक तौर पर अजय सिंह धर्मेंद्र देओल के नाम से जाना जाता है और वह 2019 से पंजाब सीट से सत्तारूढ़ भाजपा का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।

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