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नई दिल्ली: बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान की फिल्म 'रईस' आज सिनेमाघरों में रिलीज हो गई। फिल्म की कहानी यूं तो साधारण कही जा सकती है लेकिन फिल्म को शानदार तरीके से पेश किया गया है। इस फिल्म का निर्देशन राहुल ढोलकिया ने किया है। पूरी फिल्म मनोरंजन, एक्शन और रोमांस के रंगों से भरी हुई है। यह फिल्म गुजरात में अवैध शराब का कारोबार करने वाले कुख्यात अपराधी अब्दुल लतीफ का फिल्मी संस्करण है जिस पर ग्लैमर का तड़का लगा गया है। लतीफ पर 1980-90 के दशक में गांधी की धरती पर अवैध शराब के धंधे, हत्या, अपहरण, तस्करी के दर्जनों मामलों समेत आतंकवादी एवं टाडा तक लगा था। फिल्म की कहानी गुजरात के फतेहपुर से शुरू होती है जहां रईस (शाहरूख खान) का बचपन अपनी मां के साथ गरीबी में गुजार रहा है। फिल्म रईस की कहानी 1980 के दौर में गुजरात के इर्द गिर्द घूमती है। यह फिल्म रईस नाम के एक शख्स के बारे में बताती है जो जिंदगी में कुछ बड़ा करना चाहता है। किंग खान की यह फिल्म रईस की जिंदगी में आते उतार-चढ़ाव को दिखाती है। फिल्म में दिखाया गया है कि किस तरह जीरो से शुरू होकर रईस एक बड़ा साम्राज्य खड़ा कर लेता है। रईस अपनी मां की बात 'कोई धंधा छोटा नहीं होता और धंधे से बड़ा कोई धर्म नहीं होता है' को गांठ बांध कर आगे बढ़ता है और अवैध शराब के कारोबार करने लगता है। रईस कामयाबी की सीढ़ियां अपने चढ़ता चला जाता हैं लेकिन उसकी मुश्किल तब बढ़ जाती है जब उसके इलाके में पुलिस ऑफिसर जयदीप मजमुदार (नवाजुद्दीन सिद्धिकी) आता है। जो अवैध शराब कारोबारियों के सख्त खिलाफ है।

रईस को अपने इलाके की रहनेवाली मोहसिना (माहिरा खान) से प्यार है और उससे शादी कर वो अपना घर भी बसा लेता है फिर धीरे-धीरे रईस गुजरात में बड़ा नाम बन जाता है और वहा का बड़ा डॉन बन जाता। रईस अपने इलाके का मसीहा भी हैं और फिर उसके बाद फिल्म की कहानी कई जगहों पर यू-टर्न लेती है और फिर...। आगे की कहानी जानने के लिए आपको सिनेमाघरों में जाकर फिल्म देखनी होगी। रईस फिल्म की दो खास बातें है। एक्टिंग के लिहाज से शाहरूख खान को नवाजुद्दीन सिद्दिकी ने बराबर की टक्कर दी है। शाहरूख को देखकर ऐसा लगता है जैसे वह किरदार में पूरी तरह समा गए हो। चाल-ढाल,डायलॉग डिलिवरी और हाव-भाव पूरी तरह से उसी किरदार का नजर आता है जो उन्होंने परदे पर निभाया है। नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने अभिनय के मामले में शाहरूख को कड़ी टक्कर दी है। फिल्म कुछ जगहों पर कमजोर पड़ी भी है तो वह इन दोनों अभिनेताओं ने अपने एक्टिंग से संभाल लिया है और इस कमी को झलकने नहीं दी है। पाकिस्तानी अदाकारा माहिरा खान की यह बॉलीवुड में पहली फिल्म है। एक्टिंग के लिहाज से उनके पास ज्यादा कुछ करने का स्कोप नहीं बचा है फिर भी उन्होंने अदाकारी अच्छी की है। माहिरा के साथ शाहरूख का रोमांटिक एंगल भी अच्छा है। फिल्म में माहिरा खान बेहद खूबसूरत दिखी हैं। शाहरुख खान के साथ उनकी केमिस्ट्री जंचती है। 'रईस' के संवाद आपको ताली और सीटियां बजाने को विवश कर देंगे। स्क्रिप्ट कसी हुई है और सींस का फिल्मांकन भी दमदार है। बैकग्राउंड स्कोर ने फिल्म में जान डाल दी है। संगीत की बात करें तो 'उड़ी उड़ी जाए', 'जालिमा', 'लैला मैं लैला' जैसे गाने पहले ही हिट हो चुके हैं। फिल्म के गाने भी इसका अहम हिस्सा हो गया है। फिल्म की लंबाई थोड़ी ज्यादा लगती है जिसे एडिटिंग कर थोड़ा छोटा किया जा सकता था। लेकिन कुल मिलाकर आप अगर शाहरूख खान के फैन है और एक मनोरंजन फिल्म देखना चाहते हैं तो यह फिल्म देखने जा सकते हैं।

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