दोहा: अर्जेंटीना और फ्रांस के बीच खेले गए फुटबॉल विश्व कप 2022 के फाइनल में पिछली दो बार के चैंपियन अर्जेंटीना ने बहुत ही रोमांचक और पेनल्टी शूटआउट से फ्रांस कोे 4-2 से हराकर विश्व कप विजेता बनने का गौैरव हासिल कर लिया। इससे पहले अर्जेंटीना की टीम साल 1978 और साल 1986 में विश्व चैंपियन बनी थी।
बहुप्रतिक्षित फीफा फुटबॉल विश्व कप का फाइनल मुकाबला एक्स्ट्राटाइम में 3-3 से बराबर रहा। उसके बाद विश्व चैंपियन का फैसला पेनल्टी शूटआउट से हुआ। पहले 90 मिनट में मुकाबला 2-2 से बराबर रहने के बाद 30 मिनट के एक्स्ट्राटाइम में आखिरी पलों में फ्रांस के एमबाप्पे ने पेनल्टी को गोल में बदलकर मुकाबले को फिर से 3-3 से बराबर कर दिया। यह उनका हैट्रिक गोल रहा। निर्धारित समय में दोनों ही टीमें 2-2 की बराबरी पर रही थीं और इसके बाद एक्स्ट्राटाइम के शुरुआती हाफ मतलब शुरू के 15 मिनट में भी मुकाबला 2-2 से बराबर रहा था। फिर दूसरे हाफ में अर्जेंटीना ने एक बार फिर से 3-2 से बढ़त बनाई। अर्जेंटीना के लिए यह गोल उसके स्टार खिलाड़ी मेसी ने किया, जो उनका मुकाबले का दूसरा गोल रहा।
मेसी ने पहला गोल पेनल्टी के जरिए किया था, लेकिन फ्रांस ने फिर मुकाबले को 3-3 से बराबर कर दिया।
तय समय में 2-2 से बराबर रहा। इसमें इंजरी टीम भी शामिल है। इससे पहले दूसरे हाफ में फ्रांस ने चंद मिनटों के भीतर ही दो गोल दागकर मुकाबले को रोमांचक बना दिया था। फ्रांस के लिए दोनों गोल करीब एक मिनट के अंतराल पर उसके सुपरस्टार खिलाड़ी एमबाप्पे ने किए। फिलहाल फाइनल मुकाबला 2-2 की बराबरी पर चल रहा है। मुकाबला इंजरी टाइम में पहुंच गया है और यह टाइम 8 मिनट का है।
हाफ टाइम तक अर्जेंटीना ने फ्रांस पर 2-0 की बढ़त बनाई हुई थी। पहला गोल खेल के 23वें मिनट में लियोनल मेसी ने मिली पेनल्टी को गोल में तब्दील करके अर्जेंटीना को 1--0 से आगे कर दिया है, तो दूसरा गोल खेल के 36वें मिनट में डिमारिया ने किया। अर्जेंटीना लगातार हमले बोल रहा रहा है, तो फ्रांसिसी खिलाड़ियों की बॉडी लैंग्वेज एकदम निस्तेज। ऐसा लग रहा है कि मुकाबले मन उचट रहा है उनका। यह कहना गलत नहीं होगा कि अर्जेंटीना ही अर्जेंटीना पहले हाफ में छाया रहा। गेंद पर उनका 59 प्रतिशत तो फ्रांसिसियों का 40 प्रतिशत कब्जा रहा। अर्जेंटीना की तरफ से कुल 291 पास हुए, तो फ्रांस की तरफ से 202। गोलपोस्ट पर पहले हाफ में अर्जेंटीना ने तीन शॉट लगाए, तो फ्रांस ने एक भी नहीं और यह सबकुछ बताने के लिए काफी है।
अभी तक 63 मैच और 166 गोलों के बाद दोहा के लुसैल स्टेडियम में यह फाइनल खेला जा रहा है। लियोनेल मेसी यहां 2014 में रियो डी जनेरियो में थे लेकिन इसमें चूक गए थे। काइलियन एम्बाप्पे 2018 में अपने अधिकांश फ्रेंच साथियों के साथ यहां थे और उन्होंने खिताब अपने नाम किया था। इस करो या मरो की जंग के मुकबाले के लिए एड्रियन रैबियटन फिट होकर फ्रांस टीम में वापस लौटे हैं। फ्रांस की टीम में दो बदलाव किए गए गए। सेमीफाइनल में मोरक्को के खिलाफ रैबियट और डेयोट उपामेकानो को बाहर बैठाया गया था। ऐसा दोनों के वायरस से पीड़ित होने के कारण किया गया था, लेकिन अब दोनों ही टीम का हिस्सा हैं। बाकी फ्रांस टीम में कोई बदलाव नहीं है। वहीं, पूरा फुटबॉल जगत मुकाबले में एक बार फिर से लियोनेल मैसी से करिश्मे की उम्मीद कर रहा है।