दोहा: स्थानापन्न खिलाड़ी रित्सु दोअन और ताकुमा असानो के गोल के दम पर जापान ने पिछड़ने के बाद शानदार वापसी करते हुए फुटबॉल विश्व कप मुकाबले में बुधवार को यहां एक और उलटफेर करते हुए 2-1 से जीत दर्ज की। इल्के गुंडोगन ने चार बार की चैंपियन टीम जर्मनी को पहले हाफ में पेनल्टी पर गोल कर बढ़त दिला दी थी। जापान ने हालांकि दूसरे हाफ में सात मिनट के अंदर दो गोल कर के यूरोप की मजबूत टीम को हतप्रभ कर दिया।
मैच के 76वें मिनट में ताकुमी मिनामिनो की कीक से निकली गेंद को दिग्गज गोलकीपर मैनुएल नेउर ने रोक दिया लेकिन जर्मनी की घरेलू लीग में टीम फ्रीबर्ग के लिए खेलने वाले दोअन पलटवार कर इसे गोल में बदल दिया और स्टेडियम में मौजूद जापान के दर्शक झूमने लगे। इसके बाद असानो ने 83वें मिनट में गेंद पर शानदार नियंत्रण कर बेहतरीन कोण बनाकर नेउर को छकाते हुए जापान को बढ़त दिला दी। असानो के इस गोल ने जर्मनी के खिलाड़ियों, कोच और स्टेडियम में मौजूद प्रशंसकों को सन्न कर दिया।
जर्मनी की खेल मंत्री नैन्सी फेसर भी थे स्टेडियम में मौजूद
दोनों टीमों के बीच यह पहला प्रतिस्पर्धी मुकाबला था। जर्मनी के खिलाड़ियों ने मैच से पूर्व तस्वीर खींचे जाने के दौरान अपने चेहरे ढक लिए जो मेजबान देश कतर में भेदभाव का विरोध करने के लिए आर्मबैंड (बांह पर पट्टी बांधना) पहनने की योजना पर फीफा के कड़े रुख की निंदा का तरीका है। जर्मनी की खेल मंत्री नैन्सी फेसर इस मुकाबले के लिए यहां के खलीफा इंटरनेशनल स्टेडियम में मौजूद थी। वह फीफा के अध्यक्ष जियानी इन्फेंटिनो के पास उसी "वन लव" आर्मबैंड को पहने हुए बैठी थी जिसके लिए फीफा ने टीमों को चेतावनी दी है। यह केवल तीसरा मौका है जब जर्मनी की टीम विश्व कप के अपने शुरूआती मैच को हारी है।
इससे पहले 1982 में अल्जीरिया और 2018 में मैक्सिको के खिलाफ उसने विश्व कप का शुरुआती मैच गंवाया था। विश्व कप के शुरुआती मैचों में जर्मनी ने 13 में जीत दर्ज की है जबकि चार मुकाबले ड्रॉ पर छूटे है। जापान के गोल करने के 11 प्रयासों की तुलना में जर्मनी ने 24 प्रयासों के साथ मैच में दबदबा बनाये रखा लेकिन एशिया की टीम के गोलकीपर शुचि गोंडा ने कई बेहतरीन बचाव किये।
जर्मनी का अगला मुकाबला रविवार को स्पेन से होगा, जबकि जापान का सामना कोस्टा रिका से होगा। विश्व कप का खिताब 2014 में जीतने वाली जर्मनी की टीम 2018 में पहले दौर में बाहर हो गयी थी और एक बार फिर उनका अभियान निराशाजनक तरीके से शुरू हुआ है। जापान की टीम सातवीं बार विश्व कप में हिस्सा ले रही है और टीम ने इस जीत के साथ पहली बार नॉकआउट चरण में जगह बनाने की अपनी उम्मीदों को मजबूत कर लिया है।