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नई दिल्ली: यूरो कप के तीसरे क्वार्टर फाइनल में रविवार को जर्मनी ने पेनल्टी शूटआउट में इटली को 6-5 से हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया। इसके साथ ही यह मैच यूरो कप के इतिहास के सबसे रोमांचक मुकाबलों में भी शुमार हो गया। खिताब के प्रबल दावेदार माने जा रहे जर्मनी और इटली की टीम ने मैच में अपना सबकुछ झोंक दिया और निर्धारित समय पर मैच 1-1 से ड्रॉ खत्म हुआ। एक्स्ट्रा टाइम में भी नतीजा नहीं निकल सका जिसके बाद विजेता का फैसला शूटआउट के जरिए हुआ। कुल 18 पेनल्टी तक खिंचे मैराथन शूटआउट में जर्मनी के खिलाड़ियों का पलड़ा आखिरकार भारी साबित हुआ जिसमें उन्होंने कुल छह सटीक निशाने दागे जबकि इटली की टीम पांच मौकों को ही भुना सकी। यूरोप की दो टॉप टीमों की इस टक्कर में उम्मीद के मुताबिक रोमांच देखने को मिला जिसमें जर्मनी ने बाजी मारी। इस जीत के साथ ही जर्मनी ने बड़े टूर्नामेंट में मिली हार का बदला लेते हुए इटली के भ्रम को भी तोड़ दिया। इससे पहले वर्ल्ड चैंपियन जर्मनी का इटली के खिलाफ पिछला रिकॉर्ड काफी खराब रहा और उसने हर टूर्नामेंट के नॉकआउट में इटली से शिकस्त झेलनी पड़ी है। इसमें 1970 का वर्ल्ड कप फाइनल, दो सेमीफाइनल और यूरो कप 2012 के अंतिम चार का मुकाबला शामिल है। जर्मनी सेमीफाइनल में पहुंचने वाली तीसरी टीम बन गई है। अंतिम चार में टीम का सामना मेजबान फ्रांस और आइसलैंड के बीच होने वाले चौथे क्वार्टरफाइनल की विजेता से होगा।

इससे पहले निर्धारित समय का मुकाबला भी दोनों टीमों के बीच किसी जंग से कम नहीं था। जर्मनी और इटली दोनों ही टीमों के खिलाड़ियों ने बेहद ही दबाव से भरे मैच में आक्रामक खेल का प्रदर्शन किया। दोनों ही टीम के खिलाड़ियों ने एक दूसरे के पोस्ट पर हमले किए लेकिन हाफ टाइम तक किसी भी टीम को सफलता नहीं मिली। जर्मनी के लिए मेसुत ओजिल ने 65वें मिनट में पहला गोल किया। उन्होंने मारियो गोमेज के शानदार पास पर बेहतरीन गोल कर मैच को रोमांचक बना दिया। इसके बाद इटली की टीम कुछ दबाव में दिखी लेकिन लियोनार्डो बोनुची ने 78वें मिनट में पेनल्टी के सुनहरे मौके को भुनाते हुए मुकाबले को बराबरी पर ला दिया। इसके बाद निर्धारित 90 मिनट तक कोई भी गोल नहीं हो सकने से मुकाबला एक्स्ट्रा टाइम में चला गया। एक्स्ट्रा टाइम में भी दोनों टीमों के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली। खिलाड़ियों ने एक दूसरे पर हावी होने की कोशिश की लेकिन सफलता किसी के हाथ नहीं लगी। शूटआउट में जर्मनी के बड़े नाम चूक गए और युवाओं ने टीम के लिए सेमीफाइनल सीट पक्की कर दी। जर्मनी की तरफ से टोनी क्रूस, ड्रैक्सलर, हमेल्स, किमिच, बोआटेंग और हेक्टर ने स्कोर किया। वहीं दूसरी तरफ इटली के इन्सिग्ने, बारजाग्ली, गियाचेरिनी, पारोलो, डी सिम्लियो ने गोल करने में सफलता हासिल की। पहले पांच पेनल्टी में दोनों टीमें 2-2 से बराबरी पर रहीं। जर्मनी की तरफ से जहां क्रूस और ड्रैक्सलर स्कोर करने में सफल रहे तो वहीं स्टार खिलाड़ी थॉमस मुलर, मेसुत ओजिल और श्वेन्सटाइगर अप्रत्याशित रूप से गेंद को पोस्ट से बाहर मार बैठे। इसके बाद दोनों टीमों के खिलाड़ियों ने अगले तीन-तीन मौकों को भुना लिया जिससे शूटआउट स्कोर 5-5 का हो गया। इटली के डारमियान की अगली पेनल्टी को जर्मन गोलकीपर मैनुएल नुएर ने रोक लिया। जर्मनी के जोनास हेक्टर ने विजयी गोल दाग इटली को बाहर का रास्ता दिखा दिया। इस जीत के बाद जर्मनी के कोच जोआशिम लिओ ने टीम के युवा खिलाड़यों की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा, 'हमारी टीम में शानदार पेनल्टी स्पेशलिस्ट खिलाड़ी मौजूद हैं लेकिन आज वे चूक गए। युवाओं ने अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाई। हेक्टर और किमिच का यह पहला बड़ा टूर्नामेंट था लेकिन उन्होंने कर दिखाया।' वहीं जर्मनी के गोलकीपर मैनुएल नुएर ने कहा, 'मैंने अपने करियर में इस तरह की पेनल्टी का अनुभव नहीं किया है। मुझे नहीं पता कि वे कितने थे लेकिन अधिकतर ने बीच में ही शॉट लगाया। भाग्य से मैंने अंतिम शॉट को रोक लिया।'

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