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कराची: रियो ओलंपिक खेलों के दौरान पाकिस्तान खेलों के पतन की कहानी स्पष्ट दिखायी देगी क्योंकि पाकिस्तानी दल में खिलाड़ियों से अधिक अधिकारी शामिल होंगे। पाकिस्तान की हाकी टीम रियो ओलंपिक के लिये क्वालीफाई करने में नाकाम रही थी और ऐसे में पाकिस्तानी दल में सात खिलाड़ी और 11 अधिकारी शामिल होंगे। खिलाड़ियों में तैराक लियाना स्वान और हैरिस बैंडी भी शामिल हैं जो विदेशों में बसे हुए हैं। जुडोका शाह हुसैन हैं जो तोक्यो में रहते थे। इनके अलावा निशानेबाज गुलाम मुस्तफा और मिनाल सोहेल तथा दो धावक हैं। सभी पाकिस्तानी खिलाड़ियों को वाइल्ड कार्ड के जरिये रियो ओलंपिक में खेलने का मौका मिला है क्योंकि देश का कोई भी खिलाड़ी विभिन्न प्रतियोगिताओं में क्वालीफाई नहीं कर पाया था। यहां तक कोई भी पाकिस्तानी मुक्केबाज ओलंपिक के लिये क्वालीफाई नहीं कर पाया जबकि हाकी को छोड़कर पाकिस्तान ने ओलंपिक में जो दो अन्य पदक जीते हैं उनमें से एक पदक मुक्केबाजी में मिला है। हुसैन शाह ने 1988 में कांस्य पदक हासिल किया था। जुडोका शाह हुसैन उन्हीं का बेटा है। पाकिस्तान ओलंपिक संघ के अध्यक्ष आरिफ हसन ने खेलों की दुर्दशा के लिये पाकिस्तान खेल बोर्ड को जिम्मेदार ठहराया। हसन विशेषकर हाकी टीम के क्वालीफाई नहीं कर पाने से निराश हैं।

उन्होंने कहा, ‘हाकी हमारा राष्ट्रीय खेल है और ओलंपिक में इस खेल में हमारी पदक जीतने की हमेशा उम्मीद रहती है लेकिन इस बार हम ऐसी उम्मीद भी नहीं कर सकते हैं।’

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