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नई दिल्ली: ‘लिंग’ संबंधी मामले में जीत दर्ज करके अंतरराष्ट्रीय सर्किट में वापसी करने के एक साल बाद भारतीय महिला फर्राटा धाविका दुतीचंद ने रियो ओलंपिक में 100 मीटर दौड़ के लिये क्वालीफाई कर लिया। कजाखस्तान के अलमाटी में 26वें जे कोसनोव मेमोरियल मीट में उन्होंने ओलंपिक में जगह बनाने के साथ खुद के राष्ट्रीय रिकार्ड में भी सुधार किया। बीस वर्षीय दुती ने कजाखस्तान की प्रतियोगिता में महिलाओं की 100 मीटर दौड़ 11.30 सेकेंड में पूरी की और इस तरह से रियो ओलंपिक में अपनी जगह पक्की की। रियो ओलंपिक के लिये क्वालीफाईंग मार्क 11.32 सेकेंड था। अपने इस प्रयास के दौरान ओड़िशा की एथलीट दुती ने 11.33 सेकेंड का खुद का राष्ट्रीय रिकार्ड भी तोड़ा जो उन्होंने अप्रैल में फेडरेशन कप राष्ट्रीय चैंपियनशिप में बनाया था। वह रियो खेलों के लिये क्वालीफाई करने वाली भारत की 20वीं ट्रैक एवं फील्ड एथलीट हैं। दुती 100 मीटर क्वालीफिकेशन प्रणाली लागू किये जाने के बाद इस स्पर्धा में क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय महिला भी हैं। महान पीटी उषा ओलंपिक 100 मीटर में भाग लेने वाली आखिरी भारतीय महिला एथलीट थी। उन्होंने मास्को ओलंपिक 1980 में हिस्सा लिया था लेकिन तब क्वालीफिकेशन प्रणाली नहीं थी। दुती एक साल तक अभ्यास या किसी प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं ले पायी लेकिन उन्होंने इसका पूरे साहस के साथ सामना किया और स्विट्जरलैंड में खेल पंचाट में प्रतिबंध के खिलाफ अपील की। पिछले साल जुलाई में खेल पंचाट ने ऐतिहासिक फैसले में आशिंक रूप से उनकी अपील को सही ठहराया और उन्हें अपना करियर फिर से शुरू करने की अनुमति दी।

ओलंपिक के लिये क्वालीफाई करने के बाद दुती ने कहा, ‘मैं रियो ओलंपिक के लिये क्वालीफाई करके वास्तव में खुश हूं। यह मेरे लिये मुश्किल साल रहा। मेरी और मेरे कोच (एन रमेश) की कड़ी मेहनत आखिर में रंग लायी।’

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