बेंगलुरू: लंबे समय से देश के गेंदबाजी आक्रमण का आगे बढ़कर नेतृत्व करने वाले भारतीय क्रिकेट टीम के नये हेड कोच अनिल कुंबले का मानना है कि इस नए पद पर उन्हें अपनी भूमिका पीछे से निभानी होगी क्योंकि खिलाड़ी हमेशा पहले आते हैं। कुंबले ने बीसीसीआई की आधिकारिक घोषणा के बाद पत्रकारों से कहा, 'यह बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। मैं हमेशा किसी भी चुनौती के लिये तैयार रहा हूं। कोच को अपनी भूमिका पीछे से निभानी होती है और वे खिलाड़ी हैं जो आगे रहेंगे। मैं इस भूमिका के लिये तैयार हूं।' पूर्व कप्तान और भारत की तरफ से सर्वाधिक विकेट लेने वाले कुंबले को एक साल के लिये टीम का मुख्य कोच नियुक्त किया गया है। उन्होंने कहा, 'एक अलग तरह की भूमिका में भारतीय ड्रेसिंग रूम में वापसी बड़ा सम्मान है।' टीम के लिये अपनी रणनीति के बारे में कुंबले ने कहा, 'रणनीति जीत दर्ज करने की रहेगी। इस पर विचार करने के लिये अभी कुछ समय है और मैं खिलाड़ियों से बात करूंगा। मेरी आगामी श्रृंखला (वेस्टइंडीज के खिलाफ) के लिये लघु और दीर्घकालीन योजनाएं हैं। लेकिन मैं अकेले रणनीति नहीं बना सकता। मुझे खिलाड़ियों की भी मदद चाहिए।' कोच का चयन सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण की क्रिकेट सलाहकार समिति की सिफारिश पर किया गया।
कुंबले ने कहा, 'यह भारतीय क्रिकेट के लिये बहुत अच्छा समय है। मैं सौरव, सचिन, वीवीएस और राहुल के साथ लंबे समय तक खेला हूं। राहुल जूनियर टीम से जुड़े हैं। हम पांचों के बीच मैदान के अंदर और बाहर बहुत अच्छे रिश्ते रहे हैं। मैं उनके साथ फिर से काम करने को लेकर उत्साहित हूं।' कुंबले ने कहा, 'मैंने अपने परिवार से बात की और उन्होंने मेरे फैसले का समर्थन किया। मैं अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर के तौर पर पूरे 18 साल दौरे ही करता रहा और इतने अधिक दौरे करना आसान नहीं होता है क्योंकि हमें काफी दौरे करने होंगे। लेकिन हां मुझे लगता है कि यह भारतीय ड्रेसिंग रूम का फिर से हिस्सा बनने और खेल को वापस कुछ देने का सही समय है।' कुंबले की पत्नी चेतना रामतीर्थ ने कहा, 'हमें घर में उनकी कमी खलेगी लेकिन मैं बहुत खुश हूं क्योंकि भारतीय टीम को इस तरह का वफादार कोच नहीं मिल सकता है।' कुंबले ने नियुक्ति के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि हितों के टकराव के मसले पर बीसीसीआई के साथ चर्चा हुई थी और भारतीय क्रिकेट टीम में आधिकारिक तौर पर पद संभालने से पहले इसे सुलझा दिया जाएगा। पूर्व कप्तान कुंबले को गुरुवार को भारतीय टीम का कोच नियुक्त किया गया। कुंबले खेल और कंसल्टिंग कंपनी टेनविच से जुड़े हैं जिससे उनके हितों के टकराव की बात सामने आई है। कुंबले से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'हम (बीसीसीआई और कुंबले) पहले ही इस पर चर्चा कर चुके हैं। मेरे पद संभालने से पहले जो कुछ भी जरूरी होगा वह किया जाएगा। इस पर चर्चा हुई थी और बीसीसीआई के साथ भी इस बारे में स्पष्ट किया गया है। यह ऐसा है जिसे आसानी से सुलझाया जा सकता है।' इस दिग्गज स्पिनर ने अपने आवास के बाहर मीडिया से बातचीत में लगातार यह सवाल पूछे जाने पर भी नाखुशी जताई। उन्होंने इसकी तुलना उस नाम से की जो तब मीडिया ने उन्हें दिया था जब वह खेलते थे। कुंबले ने कहा, 'जब भी मेरा जिक्र होता है तो यह टकराव वाला शब्द मेरे नाम से जोड़ दिया जाता है। मैं 18 साल तक देश के लिये खेला हूं। जब मैं खेलता था तो मुझे राधाकृष्णन के रूप में बीच का नाम दिया गया। मुझे नहीं पता कि यह नाम कहां से आया। जब मैंने संन्यास लिया तो ‘टकराव’ मेरा बीच का नाम बन गया। मैंने बीसीसीआई से बात की है। जो भी जरूरी होगा हम करेंगे।' बीसीसीआई ने भी इस पर इसी तरह की नाखुशी व्यक्त की। बोर्ड सचिव अजय शिर्के ने कहा, 'हितों का टकराव फैशनेबल शब्द बन गया है। फैसला लेने से पहले इस पर गौर कर लिया गया था।'