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लंदन: 36वें चैम्पियंस ट्रॉफी हॉकी टूर्नामेंट के फाइनल में भारतीय पुरुष हॉकी टीम का मुकाबला ऑस्ट्रेलिया से होगा। गुरुवार को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2-4 से मैच गंवाने के बावजूद भारतीय टीम 'खास' समीकरण से टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंच गई। 36 सालों में यह पहला मौका है जब भारतीय टीम ने चैम्पियंस ट्रॉफी के फाइनल में जगह बनाई है। फाइनल मुकाबला शुक्रवार रात को खेला जाएगा। गुरुवार को ब्रिटेन की मदद से भारतीय टीम ने फाइनल में जगह बनाई। बेल्जियम से 1-3 से पिछड़ने के बाद ब्रिटेन ने वापसी करते हुए मैच ड्रॉ पर रोका। इसके साथ ही छह टीमों के इस टूर्नामेंट में भारत लीग राउंड के बाद दूसरे नंबर पर रहा और फाइनल में पहुंच गया। इससे पहले 1982 में भारत चैम्पियंस ट्रॉफी में ब्रॉन्ज मेडल जीत चुका है, जो उसका अभी तक का बेस्ट परफॉर्मेंस है। इससे पहले दुनिया की नंबर एक टीम ऑस्ट्रेलिया ने दबदबा बनाते हुए अपने आखिरी लीग मैच में भारत को 4-2 से शिकस्त दी। रिकॉर्ड 13वीं बार चैम्पियंस ट्रॉफी जीतने वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम ने शुरू से आक्रामक खेल दिखाया, उसके लिये 21वें मिनट में ट्रेंट मिल्टन, 23वें मिनट में अरान जालेवस्की, 35वें मिनट में फ्लिन ओगिलिव और 45वें मिनट ट्रिस्टियन वाइट ने गोल किए थे। भारत की ओर से पेनल्टी कॉर्नर विशेषज्ञ वी आर रघुनाथ ने 45वें और स्ट्राइकर मंदीप सिंह ने 49वें मिनट में गोल किया।

टीम ने अंतिम क्वार्टर में वापसी करने की कोशिश की लेकिन उनका आक्रमण स्कोरकार्ड पर असर डालने में नाकाम रहा। पी आर श्रीजेश और युवा खिलाड़ियों के अच्छे प्रयास के बावजूद भारतीय टीम जीत नहीं सकी।

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