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नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): देश में पेट्रोल-डीजल के दामों में तीन दिन की शांति आज थम गई। पेट्रोल और डीजल की कीमतों में शनिवार यानी 27 फरवरी को एक बार फिर वृद्धि की गई है। ताजा वृद्धि के बाद राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पेट्रोल 91 रुपये लीटर के पार चला गया है। तेल विपणन कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के मुताबिक, दिल्ली में पेट्रोल का भाव 91.17 रुपये प्रति लीटर हो गया, जो कि शुक्रवार को 90.93 रुपये पर था। इसी प्रकार, डीजल 81.47 रुपये लीटर हो गया। शुक्रवार को यह 81.32 रुपये प्रति लीटर था। दिल्ली में पेट्रोल में 24 पैसे और डीजल में 15 पैसे का इजाफा किया गया।

देश के अन्य बड़े महानगरों की बात की जाए तो देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में पेट्रोल 97.57 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया। वहीं, यहां डीजल 88.60 रुपए प्रति लीटर बिक रहा है। पेट्रोल में 23 पैसे और डीजल में 16 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि की गई है। देश के शीर्ष प्रमुख चार महानगरों- दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई- में सबसे महंगा पेट्रोल मुंबई में है।

नई दिल्ली: चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में देश की जीडीपी वृद्धि दर 0.4 फीसद पर रही। कोरोनावायरस महामारी के बीच लगातार दो तिमाही में संकुचन के बाद अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में आर्थिक वृद्धि सकारात्मक अंकों में रही। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़े के मुताबिक वित्त वर्ष 2019-20 की तीसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 3.3 फीसद पर रही थी। एनएसओ ने नेशनल अकाउंट्स के अपने दूसरे एडवांस एस्टिमेट में वित्त वर्ष 2020-21 में जीडीपी वृद्धि दर में आठ फीसद के संकुचन का अनुमान जाहिर किया है। जनवरी में पहले एडवांस एस्टिमेट में चालू वित्त वर्ष में 7.7 फीसद की दर से आर्थिक वृद्धि दर्ज की गई थी। 

सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रार्यान्वयन मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक देश की जीडीपी वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की पहली, दूसरी और तीसरी तिमाही में क्रमशः -24.4 फीसद, -7.3 फीसद और 0.4 फीसद पर रही। विश्लेषकों के मुताबिक कोविड-19 से जुड़ी स्थिति में तेजी से हो रहे सुधार और सार्वजनिक व्यय में बढ़ोत्तरी से जीडीपी वृद्धि दर सकारात्मक अंकों में लौटी है। 

नई दिल्ली: शुक्रवार को कारोबारी हफ्ते के आखिरी दिन शेयर बाजार जबरदस्त गिरावट के साथ खुला है। घरेलू बाजार खुलते ही सेंसेक्स में 900 से ज्यादा अंकों की गिरावट आई है। वहीं, निफ्टी भी 14,800 के लेवल पर पहुंच गया है। 30 शेयरों वाले बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स के सभी 30 शेयर लाल निशान में खुले हैं। ओपनिंग के वक्त सेंसेक्स में 917.24 अंकों यानी 1.80 फीसदी की गिरावट आई थी, जिसके बाद बीएसई सेंसेक्स 50,122.07 के लेवल पर ट्रेड कर रहा था। वहीं एनएसई निफ्टी में 267.80 अंकों यानी 1.77 फीसदी की गिरावट आई और इंडेक्स 14,829.60 के लेवल पर ट्रेड कर रहा था।

फाइनेंशियल और पीएसयू बैंकिंग सेक्टरों में भारी गिरावट देखी जा रही हैं। मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह गिरावट कमजोर वैश्विक संकेतों के चलते आई है। आज एशियाई बाजारों में गिरावट देखी जा रही है। न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज के इंडेक्स में गिरावट आने का असर एशियाई और घरेलू बाजारों में दिख रहा है। ऑस्ट्रेलिया के एसएण्डपी/एएसएक्स में भी शुरुआती कारोबार में 200 अंकों की गिरावट देखी गई थी।

नई दिल्ली: देश में पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन हो रहा है। कई शहरों में पेट्रोल की कीमत 100 रुपए के करीब पहुंच गई है। तेल की बढ़ती कीमतों के बाद लोग सरकार से सवाल कर रहे हैं कि आखिर कीमत में गिरावट कब आएगी। देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को भी इन सवालों का सामना करना पड़ा। गुरुवार को अहमदाबाद में एक कार्यक्रम में निर्मला सीतारमण से जब पूछा गया कि तेल की कीमतों को सरकार कब कम करेगी तो उन्होंने कहा कि वह नहीं बता पाएंगी कि कब... यह एक धर्म संकट है।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आगे कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों को पेट्रोल और डीजल पर करों को कम करने के लिए आपस में बात करनी चाहिए। हाल के समय में वाहन ईंधन कीमतें ऊंचाई पर पहुंच गई हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि उपभोक्ताओं पर बढ़े दामों के बोझ को कम करने के लिए केंद्र और राज्यों को बात करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह तथ्य छिपा नहीं है कि इससे केंद्र को राजस्व मिलता है। राज्यों के साथ भी कुछ यही बात है। ''मैं इस बात से सहमत हूं कि उपभोक्ताओं पर बोझ को कम किया जाना चाहिए।

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