कोलकाता: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडियन चैम्बर ऑफ कॉमर्स (आईसीसी) के 95वें वार्षिक दिवस पर देश को संबोधन किया। इस कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा, ''आईसीसी ने 1925 में अपने गठन के बाद से आज़ादी की लड़ाई को देखा है, भीषण अकाल और अन्न संकटों को देखा है। अब इस बार की ये एजीएम एक ऐसे समय में हो रही है, जब हमारा देश मल्टिपल चैलेंजों को चैलेंज कर रहा है।'' पूर्वी तथा पूर्वोत्तर भारत में व्यापार संबंधी गतिविधियों की ओर विशेष ध्यान देने वाले इंडियन चैम्बर ऑफ कॉमर्स (आईसीसी) का मुख्यालय कोलकाता में है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ''आत्म निर्भर भारत, आत्मनिर्भरता का ये भाव बरसों से हर भारतीय ने एक एस्पिरेशन की तरह जिया है। लेकिन फिर भी एक बड़ा काश, एक बड़ा काश, हर भारतीय के मन में रहा है, मस्तिष्क में रहा है। भारत कोरोना से लड़ रहा है, लेकिन अन्य तरह के संकट भी खड़े हैं। कही बाढ़, कहीं टिड्डों की समस्या, कहीं तेल क्षेत्र में आग तो कहीं भूकंप... और 2 साइक्लोन। संकट के दौरान नए अवसर भी सामने आते हैं। ये हमारी संकल्पशक्ति हमारी स्ट्रेंथ है। मुसीबत की दवाई मजबूती है।''
उन्होंने कहा, ''बीते 5-6 वर्षों में, देश की नीति और रीति में भारत की आत्मनिर्भरता का लक्ष्य सर्वोपरि रहा है। अब कोरोना संकट ने हमें इसकी गति और तेज करने का सबक दिया है। इसी सबक से निकला है। हर वो चीज, जिसे आयात करने के लिए देश मजबूर हैं, वो भारत में ही कैसे बने, भविष्य में उन्हीं का भारत निर्यात कैसे बने, इस दिशा में हमें और तेजी से काम करना है।''
पीएम मोदी ने कहा, ''किसानों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए जो निर्णय हाल में हुए हैं, उन्होंने एग्रीकल्चर इकोनॉमी को बरसों की गुलामी से मुक्त कर दिया है। अब भारत के किसानों को अपने प्रोडक्ट, अपनी उपज देश में कहीं पर भी बेचने की आज़ादी मिल गई है। लोकल प्रोडक्ट्स के लिए जिस क्लस्टर बेस्ड अप्रोच को अब भारत में बढ़ावा दिया जा रहा है, उसमें भी सभी के लिए अवसर ही अवसर है। जिन जिलों, जिन ब्लॉक्स में जो पैदा होता है, वहीं आसपास इनसे जुड़े क्लस्टर विकसित किए जाएंगे।''