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नई दिल्ली: भारत में धोखाधड़ी तथा मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में वांछित भगोड़ा हीरा कारोबारी नीरव मोदी ने ब्रिटेन के उच्च न्यायालय में शुक्रवार को जमानत के लिए अर्जी दी। नीरव मोदी करीब दो अरब डॉलर की धोखाधड़ी तथा मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में भारत में वांछित है। क्रॉउन प्रॉसीक्यूशन सर्विस ने कहा कि इस जमानत याचिका पर 11 जून को सुनवाई होगी। भगोड़े हीरा नीरव मोदी के प्रत्यर्पण मामले में गुरुवार को लंदन के कोर्ट ने उनकी कस्टडी 27 जून तक के लिए बढ़ा दी है। अब नीरव मोदी 27 जून तक जेल में रहेंगे। उनके मामले पर अगली सुनवाई 29 जुलाई को होगी।

वह 2 अरब डालर के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) धोखाधड़ी तथा मनी लांड्रिंग मामले में भारत प्रत्यर्पित किये जाने के खिलाफ मामला लड़ रहे हैं। हीरा कारोबारी नीरव मोदी को बृहस्पतिवार को लंदन की एक अदालत के समक्ष पेश किया गया। जहां उनकी कस्टडी को अगले महीने जून 27 तक के लिए बढ़ा दिया गया। वह 2 अरब डालर के पंजाब नेशनल बैंक धोखाधड़ी तथा मनी लांड्रिंग मामले में भारत प्रत्यर्पित किये जाने के खिलाफ मामला लड़ रहे हैं।

इसी महीने वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत में पिछली सुनवाई के दौरान चीफ मजिस्ट्रेट एम्मा आर्बुथनोट ने 48 वर्षीय मोदी की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। उसके बाद से वह दक्षिण-पश्चिम लंदन की वैंड्सवर्थ जेल में बंद है। जमानत लेने का यह उनका तीसरा प्रयास था।

इससे पहले न्यायाधीश ने उसकी जमानत अर्जी खारिज करते हुए कहा था कि धोखाधाड़ी बड़ी है और जमानत राशि दोगुनी कर 20 लाख पौंड करने के बावजूद उसके आत्मसमर्पण करने में विफल रहने को लेकर चिंता दूर नहीं होती है। नीरव मोदी को लंदन पुलिस ने प्रत्यर्पण वारंट पर लंदन के मेट्रो बैंक से गिरफ्तार किया था। वह उस समय एक नया बैंक खाता खोलने का प्रयास कर रहा था। तब से वह जेल में है।

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