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नई दिल्ली: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के ताजा आंकड़ों के अनुसार संगठित या औपचारिक क्षेत्र में मार्च, 2019 में शुद्ध रूप से 8.14 लाख नौकरियों का सृजन हुआ। फरवरी में 7.88 लाख नयी नौकरियां मिली थीं। वर्ष 2018-19 में 67.59 लाख रोजगार के अवसरों का सृजन हुआ। नौकरी के ये आंकड़े कर्मचारियों के ईपीएफओ में अंशदान के विश्लेषण पर आधारित हैं। इन आंकड़ों के अनुसार सितंबर, 2017 से मार्च, 2018 के दौरान ईपीएफओ में कुल मिला कर 15.52 लाख नए सदस्य जुड़े।

ईपीएफओ अप्रैल, 2018 से नौकरी के आंकड़े जारी कर रहा है। इसमें सितंबर, 2017 से शुरू हुई अवधि के आंकड़े शामिल हैं। मार्च, 2019 में सबसे अधिक नौकिरयां 22 से 25 साल के आयुवर्ग के लोगों को मिली। इस वर्ग के लेगों के लिए 2.25 लाख रोजगार के अवसरों का सृजन हुआ। इसके बाद 18 से 21 साल के आयु वर्ग में रोजगार के अवसरों का सृजन हुआ। वित्त वर्ष 2018-19 में 8.31 लाख के आंकड़े के साथ नौकरियों में बढ़ोतरी का सबसे ऊंचा आंकड़ा जनवरी, 2019 में रहा। पिछले माह जारी प्रारंभिक आंकड़ों में जनवरी,19 का यह आंकड़ा 8.94 लाख बताया गया था।

अप्रैल, 2019 में जारी नौकरियों के आंकड़ों में मार्च, 2018 के आंकड़ों में बड़ा संशोधन किया गया है। इसमें नौकरियों के अवसरों में 55,934 की कमी दिखाई गई है। इस कमी के बारे में ईपीएफओ ने कहा कि मार्च के आंकड़े नकारात्मक इसलिए हैं कि माह के दौरान काफी सदस्य इससे बाहर हुए हैं। ईपीएफओ ने कहा कि ये आंकड़े अस्थायी हैं और कर्मचारियों के आंकड़ों का अद्यतन एक सतत प्रक्रिया है।

इन अनुमानों में अस्थायी कर्मचारी भी शामिल हैं जिनका योगदान संभवत: पूरे साल के लिए नहीं होता है। सदस्यों के आंकड़ों को आधार पहचान से जोड़ा गया है। ईपीएफओ संगठित या अर्द्धसंगठित क्षेत्र में श्रमिकों के सामाजिक सुरक्षा कोष का प्रबंधन करता है। इसके सक्रिय सदस्यों की संख्या छह करोड़ है।

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