नई दिल्ली: आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश हुए। आईसीआईसीआई-वीडियोकॉन बैंक कर्ज धोखाधड़ी और धनशोधन के मामले में दोनों से आठ घंटे पूछताछ की गई। दोनों से मंगलवार को भी पूछताछ होने का अनुमान है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने इस मामले में सभी आरोपियों के खिलाफ आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत केस दर्ज किया है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि कोचर और उनके पति सोमवार को ईडी के खान मार्केट स्थित दफ्तर पहुंचे। उन्हें 11 बजे ईडी के समक्ष पेश होना था, लेकिन दोनों निर्धारित समय से कुछ समय पहले ही पहुंच गए। उन्हें रात आठ बजे वहां से जाने की अनुमति मिली। सूत्रों का कहना है कि दोनों के बयान धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दर्ज किए गए। बताया जा रहा है कि चंदा कोचर को इस महीने की शुरुआत में जांच एजेंसी के समक्ष पेश होना था, लेकिन उन्होंने समय बढ़ाने की मांग की थी जिसे मंजूर कर लिया गया था।
इसके पहले प्रवर्तन निदेशालय ने एक मार्च को छापामारी के बाद चंदा कोचर और उनके पति से ईडी के मुंबई कार्यालय में पूछताछ की थी। ईडी ने चंदा कोचर, उनके परिवार और वीडियोकॉन समूह के वेणुगोपाल धूत के मुंबई और औरंगाबाद स्थित ठिकानों पर छापामारी की थी।
कोचर के भाई से हो चुकी है पूछताछ
ईडी ने दीपक कोचर के भाई राजीव कोचर से भी इस मामले में कई बार पूछताछ की है। सूत्रों के मुताबिक राजीव कोचर सिंगापुर की कंपनी एविस्टा एडवाइजरी के संस्थापक हैं। सीबीआई ने ऋण के पुनर्गठन में उनकी कंपनी की भूमिका के बारे में उनसे पूछताछ की थी।
यह है मामला
आईसीआईसीआई बैंक की और वीडियोकॉन समूह को 1,875 करोड़ रुपये के कर्ज को मंजूरी देने के मामले में कथित रूप से अनियमितता बरतने का आरोप है। सीबीआई ने इस मामले में चंदा कोचर, दीपक कोचर और वेणुगोपाल धूत समेत धूत की कंपनियों- वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (वीआईईएल) और वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड (वीआईएल) के खिलाफ मामला दर्ज किया था।