नई दिल्ली: 23 मई को चुनाव नतीजे आने के बाद एक बार फिर से महंगाई बढ़ सकती है। ऐसे में आपकी रसोई पर इसका असर देखने को मिलेगा। सब्जियों से लेकर के दूध के दामों पर इसका असर देखने को मिलेगा। वहीं कच्चे तेल की कीमतों में अगर वृद्धि होती है तो फिर पेट्रोल-डीजल के दामों पर भी इसका असर देखने को मिलेगा। महंगाई को काबू में रखना नई सरकार के लिए सबसे कठिन कार्य होगा। देश के पश्चिम और दक्षिण के राज्य भीषण सूखे की चपेट में हैं। वहीं उत्तर भारत में भी गर्मी का प्रकोप जारी है। फिलहाल कई ऐसी वस्तुएं हैं, जिनकी कीमतों में पिछले साल की तुलना में अभी भी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है।
इनके चढ़े दाम
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक देश भर में ज्वार, बाजरा, कपास, टमाटर, प्याज की कीमतों में इजाफा हो गया है। इसके अलावा पशुओं को खिलाया जाने वाला चारा भी काफी महंगा हो गया है। इससे दूध के दाम भी आगे चलकर बढ़ सकते हैं।
ऐसा इसलिए क्योंकि किसानों ने अपने पशुओं को चारा खिलाना कम कर दिया है। अमूल ब्रांड से दूध बेचने वाली कंपनी गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन के प्रबंध निदेशक आर एस सोधी ने बताया कि इसकी वजह से भी दूध का उत्पादन कम हो गया है। हालांकि गर्मियों में पशु वैसे भी दूध देना कम कर देते हैं। ऐसे में अप्रैल से लेकर के जुलाई तक दूध का उत्पादन वैसे भी काफी कम हो जाता है।
सब्जियों की कीमतों में उछाल
फिलहाल गर्मी की शुरुआत से ही सब्जियों की कीमतों में उछाल देखने को मिल रहा है। फिलहाल कोई भी सब्जी देश भर की थोक मंडियों में 25-30 रुपये प्रति किलो से कम नहीं है। केवल आलू के दाम ही सस्ते हैं। वहीं खुदरा व्यापारी भी सब्जियों को लोकेशन के हिसाब से 40-70 रुपये प्रति किलो की दर से बेच रही हैं।अप्रैल में छह माह के उच्चतम पर महंगाई दर
अप्रैल में छह माह के उच्चतम पर महंगाई दर
अप्रैल महीने में महंगाई दर छह माह के उच्चतम स्तर पर पहुंच सकती है। रॉयटर्स द्वारा किए गए अर्थशास्त्रियों के पोल में यह बात सामने आई है। हालांकि इसके आंकड़े आज देर शाम को जारी किए जाएंगे। अनुमान है कि महंगाई दर 2.86 फीसदी से बढ़कर 2.97 फीसदी हो सकती है।